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बच्चो के लिए कहानियों की महत्ता!

Sick Babies
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वो भी क्या समय था, जब हमारी दादी माँ हमे कहानिया सुनाया करती थी! आज के समय में सब कुछ बदल गया है पर वच्चो का बचपन नहीं, आज भी हमारे बच्चे हमसे कहानियो की उम्मीद करते है, हमसे कहानिया सुन ना चाहते है! क्युकी एकाकी परिवारों की वजह से उन्हें न तो दादी माँ का प्यार मिल पाता है, न ही कहानियां ! ऐसे में हमारा फ़र्ज़ है के हम उन्हें ढेर सारी कहानिया सुनाये ताकि उनका बचपन और भी खिल उठे!

 

 

 

1. माता पिता का साथ:

आज के समय में बच्चो का कहानियां सुनने के पीछे एक मात्र लक्ष्य होता है, के उनके साथ समय बिताना! क्युकी आजकल के गैजेट्स के समय में कोई भी पेरेंट्स अपने बच्चो को समय नहीं देते! इसके लिए बच्चे उनका समय पाने के बहाने ढूंढ़ने लगते है! तो अगर आप भी अपने बच्चो को समय नहीं दे पा रहे है तो उन्हें कहानियां रोज सुनाइए! इस से उन्हें प्यार, अपनेपन का अहसास होगा! और उन्हें लगने लगेगा के हमारे पेरेंट्स हमारे साथ है!

 

2. एक काल्पनिक दुनिया में जाना:

किताबे पढ़ने की सबसे सुन्दर भावना है के एक नयी दुनिया में खो जाना! जब भी हमारे बच्चे कहानी पढ़ते है या सुनते है तो वो एक सपनो की नयी दुनिया में चले जाते है! उनकी नन्ही आँखों ने जो अभी नहीं देखा,वो उसे भी देख पाते है! कहानियो की किताबो के सुन्दर चित्र उन्हें और नया सोचने की क्षमता देते है, जिससे उनका क्रिएटिविटी लेवल बढ़ता जाता है! और वो अपनी दिनचर्या में उन सब बाते से खुद को जोड़ने लगते है!

 

3. शिष्टाचार सीखना:

हमारी रोज की दिनचर्या में कितनी सारी बाते है जो हम उन्हें सिखाना चाहते है पर व्यस्तता के चलते भूल जाते है, और समय आने पर जब बच्चे तमीज से पेश नहीं आते तो हमे बड़ी कोफ़्त होती है! कहानियां एक सबसे सरल और उत्तम उपाय है, बच्चो को शिष्टाचार सिखाने का! बच्चे भी कहानी सुनते समय अपने आपको सामने वाले से बड़ी आसानी से रिलेट कर पाते है! तो कहानी सुनते समय जब भी आप किसी ऐसी बात के रूबरू हो जिसे बच्चो को कुछ सिखाया जा सके, तुरंत उन्हें वो बात समझा दे! अब इससे बाचे भी खुश और आप भी! 🙂

 

 

4. भावनात्मक जुड़ाव:

कहानी सुनते समय जब भी किसी को भावनात्मक चोट लगते हुए देखते है, तो तुरंत उसे समझते है, ऐसे में वो आपसे प्रसहन भी पूछ सकते है – जैसे ऐसा क्यों हुआ, क्या ये गलत है? आदि! तो ऐसे में उन्हें पूरी बात अच्छे से समझाए, ध्यान रहे उनके मैं में कोई भी बात असपष्ट न रहे! और जल्दी से बात को समाप्त करने के लिए कुछ भी गलत सलत न बताए! क्युकी बच्चे उन्हें सारी उम्र याद रखते है! कभी कभी बच्चे दूसरो के सामने ऐसी बाते बोल देते है जो अपने उन्हें कभी अनजाने में कही हो, पर बच्चा उसे सही मान बैठा हो! इसलिए भूल के भी गलत बात सीखने की गलती न करे!

 

5. पसंदीदा टाइम पास:

कहानियां सुनना बच्चो को पसंदीदा टाइम पास होता है, दोपहर के समय जब बच्चे घर से बाहर नहीं जा सकते, या कुछ खेलने के मूड में भी नहीं होते, ऐसे समय में उन्हें कहानियां सुनना सबसे ज्यादा भाता है! इस से उनका टाइम पास भी होता है, साथ ही कुछ नया सीखने को भी मिल जाता है!

 

6. दिमागी कसरत:

जिस तरह खेलने से बच्चो की शारीरिक कसरत होती है, ऐसे ही किताबे पड़ने से बच्चो के दिमाग की कसरत होती है! वो उन नयी चीज़ो को समझने की कोशिश करते है जो उन्होंने कभी नहीं देखि या उनके लिए नै है! एक सर्वे के मुताबिक, जो बच्चे खूब कहानियां सुनते है उनका दिमाग बाकी बच्चो की अपेक्षा काफी तेज़ चलता है और उनकी यादास्त भी काफी तेज़ होती है!

 

7. किताबो का चयन कैसे करे?

मैं इस ब्लॉग में आपको एक वीडियो का लिंक दे रही हु, जिसमे मैंने अपने बच्चे के साथ आजमाई हुई कई किताबो के बारे में बताया है! एक बार वो किताबे अपने बच्चो को पढ़ाइये और देखिये कैसे आपके बच्चे एक नयी दुनिया का मजा ले पाते है!

 

 

 

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