Menu
blogid : 15200 postid : 1333911

शुभ अशुभ का भय…(कविता)

आकाश महेशपुरी
आकाश महेशपुरी
  • 166 Posts
  • 22 Comments

वे हमें समझा बुझाकर लूट लेते हैं
शुभ अशुभ का भय दिखाकर लूट लेते हैं

यह दिशा शुभ, यह दिशा बरबाद कर देगी
इस दिवस को यह दिशा आबाद कर देगी
जाल भ्रम का ये बिछाकर लूट लेते हैं-
शुभ अशुभ का भय दिखाकर लूट लेते हैं

यह जगह अच्छी नहीं है घर बनाने को
यह भवन तैयार तुमको काट खाने को
आजकल क्या क्या बताकर लूट लेते हैं-
शुभ अशुभ का भय दिखाकर लूट लेते हैं

काट ले बिल्ली डगर तो अपशकुन होगा
छींक आ जाए अगर तो अपशकुन होगा
व्यर्थ बातों में फँसाकर लूट लेते हैं-
शुभ अशुभ का भय दिखाकर लूट लेते हैं

लग्न के जो बिन यहाँ कुछ भी करोगे तुम
पाप की गठरी लिए कैसे तरोगे तुम
झूठ का परदा चढ़ाकर लूट लेते हैं-
शुभ अशुभ का भय दिखाकर लूट लेते हैं

गीत- आकाश महेशपुरी
■■■■■■■■■■■■■■■
वकील कुशवाहा “आकाश महेशपुरी”
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
(उत्तर प्रदेश)
पिन- 274304
मो- 9919080399

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh