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आश्चर्य…

ख़ामोशी...
ख़ामोशी...
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घर के बगलवाले मन्दिर से
रात भर आवाज आ रही थी
गुणगान और नाम
सिर्फ़ राधा और कृष्ण…
राधा और कृष्ण, कहाँ थी इन सबके बीच
रुक्मणी…
कौन थी राधा कृष्ण की
ब्याहता तो बिल्कुल भी नही
फिर कौन थी?
प्रेयसी…?
उन दो प्रेमी जोडों का इतना गुणगान
आश्चर्य हो रहा था मुझे
इस समाज में जहाँ प्यार करना
क़ानूनन अपराध है
एक प्रेमी जोड़े का इतना मान
इतना सम्मान और इतना गुणगान…
आश्चर्य… आश्चर्य…
और सिर्फ़ आश्चर्य…..

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