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शायरियाँ…

ख़ामोशी...
ख़ामोशी...
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*** पहली बार ***
जब छूकर गुजरती है ये ठंडी हवाएं
गुजरा जमाना याद आता है, याद आता है
तेरा और मेरा मिलना पहली बार…

*** खामोशियाँ ***
तेरी खामोशियों में एक अदा है,
तेरी बातों में एक नशा है,
तू लाख मेरे इजहार का इनकार कर
तेरे इन्तेजार में भी जिन्दगी का अलग ही एक मजा है…

*** खावाहिश ***
गर रौशनी की हो खावाहिश तो एक बार बताना
तेरे लिए आँधियों में भी
जला सकता हूँ चिराग…

*** आदत ***
ना करो इतनी कोशिश हमें भूलने की
आदत पड़ जायेगी तुम्हे हमें याद करने की…

*** चैन ***
हरपल तुम्हे भूलने की कोशिश करता हूँ
और हरपल तुम मुझे याद आती हो
अब तो लगता है जैसे
चैन मिलेगा मुझे मेरी मौत के बाद…

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