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कलियुग में संकटमोचन पर एयरलिफ्ट होने का संकट

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bajrang bali
अभिनय आकाश
त्रेतायुग में पवनपुत्र हनुमान ने लक्ष्मण की जान बचाने के लिए संजीवनी बूटी वाला पूरा पहाड़ उठा लिया था. लेकिन कलियुग में अतिक्रमण की समस्या को देखते हुए बजरंग बली को ही उठाकर कहीं और शिफ्ट करने की बात हो रही है. जिन्हें लोग संकटमोचन कह कर बुलाते हैं अब उन्हीं पर संकट मंडरा रहा है. दिल्ली की पहचान माने जाने वाली 108 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा को हटाकर दूसरी जगह ले जाने की बात पर बहस छिड़ गई है.
बता दें कि हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी में अवैध निर्माणों को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए सेंट्रल दिल्ली में अतिक्रमण हटाने के लिए करोल बाग में लगी 108 फुट ऊंची हनुमान प्रतिमा को एयरलिफ्ट करके दूसरी जगह लगाने पर विचार करने का सुझाव दिया. एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने कहा कि अमेरिका में कई गगनचुंभी इमारतों को अपनी जगह से हटाकर दूसरी जगह री-लोकेट किया जा चुका है. यदि सिविक बॉडीज किसी एक जगह पर कानून का पालन करके दिखा दें तो दिल्ली वालों के माइंडसेट में अंतर दिखने लगेगा. बेंच ने प्रशासन से कहा कि वे हनुमान मूर्ति को एयरलिफ्ट करने के बारे में विचार करें. हाईकोर्ट की ओर से यह सुझाव उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया, जिसमें करोल बाग इलाके में अवैध निर्माणों और अतिक्रमण को हटाने का निर्देश देने की मांग की गई है.
गौरतलब है कि विदेशों में किसी घर या बिल्डिंग को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए पहले उस बिल्डिंग की नींव खोदी जाती है. फिर उस बिल्डिंग के नीचे लोहे को फंसाकर आसानी से उठाया जाता है. उसके बाद मशीनों से उठाकर इसे बड़ी ट्राली पर रखकर रिलोकेट किया जाता है. लेकिन यहां पर सवाल लोगों की आस्था से जुड़ा है. 200 साल पुराने इस मंदिर की स्थापना सेवागिरी महाराज ने की थी. पहले हनुमान जी का छोटा स्वरूप था. 108 फीट ऊंची मूर्ति बनाने का काम 1994 में शुरू हुआ था. 13 साल बाद 2 अप्रैल 2007 में बनकर तैयार हुई. भगवान हनुमान की मूर्ति कि नींव कम से कम 10 फीट गहरी है. हनुमानजी की इस मूर्ति में बजरंग बली ने श्रीराम और सीता को समाया हुआ है. हनुमान जी के पैरों में राक्षस है जिसके मुंह के अंदर दाखिल हुआ जाता है. 200 साल पुराने इस मंदिर को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. करोलबाग में लगी इस गगनचुंबी मूर्ति की लंबाई, चौड़ाई और वजन देखकर एक्सपर्ट इसे एयरलिफ्ट करना संभव नहीं बता रहे हैं.
हनुमान की मूर्ति एयरलिफ्ट कराने पर छिड़ी बहस के बीच बजरंग बली के भक्तों ने आस्था से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाशत नहीं करने की बात कही है. आम जनता से लेकर धर्मगुरू तक दिल्ली हाई कोर्ट की इस बात के खिलाफ हो गए हैं. हर कोई एक ही सवाल करता नजर आ रहा कि क्यों बार-बार हिन्दुओं के मंदिर को ही निशाना बनाया जा रहा है. कुछ लोगों ने तो गोल मार्केट सुनहरी मस्जिद, भारती विद्या भवन के पास बने मस्जिद की वजह से जाम की समस्या व उस जगह भी अतिक्रमण किए जाने की बात करते दिखें.
एक ओर जहां अयोध्या में राम मंदिर बनाने की चर्चा देश में पूरे जोर-शोर से उठ रही है, दूसरी तरफ राम के सबसे बड़े भक्त पवनपुत्र हनुमान की मूर्ति हटाने की बात पर बहस देश के अलग-अलग चेहरे को दर्शाते हैं.

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