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अभिनय आकाश
किसी ने सच ही कहा है जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का. आज से ठीक दस महीने पहले अपने सिर पर दस मिलियन यूएस डॉलर का इनाम लेकर भी हाफ़िज़ सईद पाकिस्तान में खुला घूमता रहता था. लेकिन अचानक उसे रातों-रात अपने ही सरजमीं पर नज़रबंद होना पड़ गया. अमेरिका में नए निज़ाम ने सत्ता संभालते ही पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि अगर वह जमात उद दावा के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है तो पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. फिर क्या था पाकिस्तान ने तुरंत ही हरकत में आते हुए लाहौर में हाफिज के ठिकाने पर पहुंचकर उसे नज़रबंद कर लिया.
आतंक को मिटाने और लगाम लगाने की दुनिया भर में कसमें जरुर खायी जाती हैं. लेकिन मोस्ट वांटेड आतंकवादी हाफिज सईद के रिहा होते ही पाकिस्तान की आतंक प्रायोजक नीति का पता दुनिया को भी चल ही जाता है. एक तरफ जहां पुलवामा में देश की सुरक्षा के लिए जवान अपनी जान को न्योछावर कर रहे थे तो दूसरी तरफ पड़ोसी मुल्क में आतंक का सेलिब्रिटी हाफिज सईद गाड़ियों के काफिले में न्याय व्यवस्था की लाश को उठाकर आजाद घूम रहा था. उसकी आज़ादी अमनपसंद लोगों के सुकून पर बहुत भारी पड़ सकती है इसका भान तो सभी को है. पाकिस्तान जिस तरह आतंकवाद से लड़ने के नाम पर दुनिया को छलावा देने में माहिर है उसी तरह अपनी धरती पर पल रहे आतंकियों के खिलाफ उपलब्ध कराए जाने वाले सुबूतों को नकारने के मामले में भी उसे महारत हासिल है. जिसकी बदौलत अदालत से इनामी आतंकी को रिहा करने का फरमान आ गया.
नज़रबंदी वाले नाटकबाज़ी से फ्री होकर हाफिज पाकिस्तान की आतंक प्रायोजक नीति को मजबूती देने के काम में जुट गया. वह लगातार नेताओं की तरह घूम-घूम कर भाषण दे रहा है. कश्मीर की आज़ादी की कसम खाते हुए लगातार जिहाद करने का वादा कर रहा है, पाकिस्तान का पूरा सिस्टम तमाशा देख रहा है. यह तो सभी को पता है कि पाकिस्तान हाफिज सईद को भारत के खिलाफ हथियार के रूप में पेश करता रहा है. लेकिन ख़ुफ़िया रिपोर्ट की मानें तो आईएसआई ने ऐसी प्लानिंग कर रखी है कि वो हाफिज के गुर्गों यानि लश्कर और हिज़बुल के आतंकियों की घुसपैठ भारत में करने वाला है. जिसके लिए बर्फ़बारी के मौसम को चुना गया है. जिस दौरान घुसपैठ करना आसान होता है. वैसे हाफिज की रिहाई और नज़रबंदी का खेल पाकिस्तान ने दुनिया की नज़रों में धूल झोंकने के लिए खेला था इसका अंदेशा सबको पहले से ही था. भारत ने सईद की रिहाई को लेकर अपनी चिंता जाहिर कर दी है और दूसरी तरफ अमेरिका ने भी पाकिस्तान से कहा कि वो हाफिज सईद को तत्काल फिर से गिरफ्तार करे और उस पर मुकदमा चलाए. ऐसे में आतंकवाद का पर्याय बन चका पाकिस्तान जो हाफिज की रिहाई पर केक काट रहा है वो अमेरिका और भारत की बातों को कितनी गंभीरता से कैसे और क्यों लेगा यह एक बड़ा सवाल है?
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