कविता
- 28 Posts
- 0 Comment
पति को चटनी समझे
सॉस – ससुर को वासी तरकारी
घर में चलता सिर्फ इसी का
ऐसी हैं आधुनिक नारी .
कभी – कभी आफिस को कार्यों में इतना मसगुल हो जाती
बिता रात सुबह घर को आती
पति महोदय पूछ पड़ते तो –
कभी फटता कुरता तो कभी फटती साडी .
अभिषेक अनंत
Read Comments