कविता
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आने दो वसंत का मौसम
हम भी मधुकर बन जायेंगे .
लेंगे रस कलियों का हम
स्वच्छंद स्वर में गायेंगे .
कलियाँ याद करेंगी हमको
हम ना फूले समायेंगे .
कर जायेंगे हम कुछ ऐसा
जिसे दुनियावाले ना भूल पायेंगे .
हो जायेगा हर सपना सलोना !
भँवर बीच से कस्ती निकालेंगे .
बच लेने दो निर्मम समय से ,
ब्रह्माण्ड को फिर से सजायेंगे .
अभिषेक अनंत
ग्राम – मंझरिया , पोस्ट – मठिया ,थाना – लौरिया
जिला – प० चंपारण (बिहार ) -८४५४५३
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