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हे प्रभु ! मानव के अंदर का

कविता
कविता
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हे प्रभु ! मानव के अंदर का शैतान मिटा दें !
उसमे सोया सुन्दर सा इंसान जगा दें !
मानवहित में कर्म करता रहे हमेशा !
उसमे ऐसी शक्ति का संचार करा दें !
सर्वहित में उसका जीवन शेष हो !
उसकी करनी से न किसी को कलेश हो !
हे प्रभु ! ऐसा सुन्दर संयोग बना दें !
कथनी और करनी में न अंतर रहे !
उसका जीवन हर मन -मन्वन्तर रहे !
वो बने सत्य का मिसाल खुद से !
हे प्रभु ! ऐसी युक्ति उसको बता दें !
२७.०९.२०१५
अभिषेक अनंत

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