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मुरादाबाद (रविवार, 17 जनवरी 2016): आकांक्षा विद्यापीठ के सभागार में डॉ अवनीश सिंह चौहान द्वारा अनूदित वरिष्ठ साहित्यकार श्री ब्रजभूषण सिंह गौतम ‘अनुराग’ की पुस्तक ‘बर्न्स विदिन’ : ‘Burns Within’ (हिन्दी कविताओं का अंग्रेजी में अनुवाद) का लोकार्पण प्रो आर सी शुक्ला, श्री रमेश चन्द्र शर्मा ‘विकट’, डॉ ए के गुप्ता, डॉ सुधीर कुमार अरोड़ा, श्री अशोक विश्नोई, डॉ अम्बरीष गर्ग, श्री राजीव सक्सैना, डॉ सत्यवीर सिंह चौहान, श्री हिमांशु यादव एवं श्री योगेन्द्र रस्तौगी ने किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मां वागेश्वरी के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं डॉ प्रेमवती उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ। तत्पश्चात इस कृति के रचनाकार ब्रज भूषण सिंह गौतम ‘अनुराग’ ने हिन्दी में अपनी दो कविताओं का पाठ किया और अनुवादक डॉ अवनीश सिंह चौहान ने उन्हीं कविताओं का अंग्रेजी अनुवाद प्रस्तुत किया।
प्रोफ़ेसर आर सी शुक्ला, श्री रमेश चन्द्र शर्मा ‘विकट’, डॉ सुधीर अरोड़ा, श्री राजीव सक्सैना |
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अंग्रेजी भाषा के वरिष्ठ कवि प्रोफ़ेसर आर सी शुक्ला ने कहा कि अनुवाद एक कठिन प्रक्रिया है, इसलिए अनुवाद किसी मौलिक रचना के सृजन से कहीं अधिक समय, शक्ति और समझ की मांग करता है। इस दृष्टि से डॉ चौहान का यह अनुवाद कार्य उत्कृष्ट एवं सराहनीय है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बरेली से पधारे पूर्व एमएलसी एवं वरिष्ठ साहित्यकार रमेश चन्द्र शर्मा ‘विकट’ ने कहा कि यह पुस्तक ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना को व्यक्त करती है। अनुवाद होने से देश-दुनिया के पाठकों तक यह बात पहुंचेगी। अतः रचनाकार और अनुवादक दोनों को बहुत-बहुत बधाई। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अंग्रेजी के चर्चित आलोचक एवं कवि डॉ सुधीर कुमार अरोड़ा ने कहा कि डॉ अवनीश चौहान अंग्रेज़ी के लेखक तो हैं ही, हिन्दी साहित्य में भी काफी सक्रिय हैं। यानी कि वह दोनों भाषाओँ का संस्कार रखते हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि उनके द्वारा किया गया यह अनुवाद कार्य महत्वपूर्ण एवं पठनीय है।
डॉ हिमांशु यादव, श्री योगेन्द्र रस्तौगी, बी एस गौतम ‘अनुराग’, डॉ ए के गुप्ता, प्रोफ़ेसर आर सी शुक्ला |
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रोफ़ेसर डॉ ए के गुप्ता ने कहा कि मुरादाबाद में किसी रचनाकार की रचनाओं का अनुवाद पहली बार पुस्तकाकार हुआ है। इसलिए इस पुस्तक ने अपने शहर को गौरवान्वित किया है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं संपादक अशोक विश्नोई ने कहा कि गौतम जी का नाम मुरादाबाद के प्रमुख साहित्यकारों में शुमार हैं। इंटरनेट पर बर्न्स विदिन ब्लॉग (http://burnswithin.blogspot.in/) पर अनुवाद प्रकाशित होने से उन्हें अब विश्वभर में पढ़ा जा रहा है। यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता हिन्दी के चर्चित लेखक एवं आलोचक राजीव सक्सैना ने कहा कि अनुराग जी की रचनाएँ भारतीय जीवन एवं संस्कृति को बड़ी सजगता एवं संवेदनशीलता से उद्घाटित करती है। अब अनूदित रचनाओं के माध्यम से रचनाकार की व्यापक पहचान बन सकती है।
ऊर्जावान रचनाकार श्री योगेन्द्र रस्तौगी ने कहा कि अनुराग जी अध्यात्म और समाजवाद को केंद्र में रखकर जीवन के सम और विषम पहलुओं को अपनी रचनाओं में उजागर करते रहे है। उनकी यह दृष्टि उन्हें रवीन्द्रनाथ टैगोर की परंपरा से जोड़ती है। अंग्रेजी के युवा कवि डॉ मौसम सिन्हा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अमेजन और फेसबुक पर इस पुस्तक की चर्चा होने से यह पुस्तक देश-विदेश के पाठकों तक पहुँची है। इस अवसर पर सांस्कृतिक-कर्मी डॉ जगदीप कुमार, शिक्षाविद डॉ हरिओम अग्रवाल, अंग्रेेजी के वरिष्ठ कवि डॉ एस पी सक्सैना ‘सूर्य’ आदि ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में सर्वश्री रघुराज निश्चल, ओंकार सिंह ‘ओंकार’, सतीश फिगार, डॉ अजय अनुपम, डॉ बी के सिंह, आनंद कुमार गौरव, डॉ इन्दिरा रानी, रामवीर सिंह, कृष्ण कुमार नाज़, अनवर कैफ़ी, फक्कड़ मुरादाबादी, शिशुपाल मधुकर, परशुराम नया कबीर, उदय ‘अस्त’, प्रदीप शर्मा, कृपाल सिंह धीमान, रामदत्त द्विवेदी, के पी सिंह सरल, रामेश्वर वशिष्ठ, मनोज रस्तौगी, धवल दीक्षित, शीनुल इस्लाम, अंकित गुप्ता अंक, राजीव प्रखर, आलोक गुप्ता, आर एन सिंह सहित कई छात्र-छात्राएं, प्राध्यापकगण, शहर के सम्भ्रान्त नागरिक आदि मौजूद रहे।
कार्यक्रम का कुशल संचालन वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अम्बरीष गर्ग और श्री योगेन्द्र रस्तौगी ने संयुक्तरूप से किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन समाजसेवी एवं शिक्षाविद डॉ सत्यवीर सिंह चौहान ने किया।
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