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सुनो – सुनो दुनियावालो ! इतिहास बदलनेवाला है !
भारत के जन-गण-मन का अब भाग्य सँवरनेवाला है !!
राजनीति कठपुतली बन बैठी उन कर – उचक्कों की थी
राहजनी – तस्करी – गबन – सौदा करने में पक्कों की थी
बेईमानों का भाई अब ह्रदय दहलनेवाला है !
सुनो- सुनो दुनियावालो!इतिहास बदलनेवाला है !!
घोटाले पर घोटाले कर चूस देश को घोंट गए ये
कदाचार के सोंटों से जन-गण-मानस को सोंट गए ये
झोपड़ियों के उठे क्रोध से गढ़ अब ढहनेवाला है !
सुनो- सुनो दुनियावालो ! इतिहास बदलनेवाला है !!
गद्दारों ने लूट-लूटकर किस बिल में धन है रख डाला
ऊपर से ये हंस सरीखे अंदर से इनका मन काला
झूठे वादों से जन-गण अब नहीं बहलनेवाला है !
सुनो-सुनो दुनियावालो ! इतिहास बदलनेवाला है !!
होता था हो रहा अभी भी द्रौपदियों का शील – हरण
भारत की ललनाओं का पग-पग पर होता रहा मरण
व्याध सभी भागेंगे फिर अब चमन चहकनेवाला है !
सुनो – सुनो ……………………………………………..!!
बहुत हो गई नहीं चलेगी धन्नाओं की अब मनमानी
बेनक़ाब होंगे बगुले ये उतरेगा अब इनका पानी
दीन-हीन जन का कुटीर अब नहीं उजड़नेवाला है !
सुनो -सुनो …………………………………………….!!
” आप ” और हम सब मिलकर अब धरती का श्रृंगार करेंगे
रची-बसी आबादी की संरचनाओं से प्यार करेंगे
भरी फसल से खेतों में खलिहान मचलनेवाला है !
सुनो – सुनो दुनियावालो!इतिहास बदलनेवाला है !!
आचार्य विजय गुंजन”
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