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गजल

kavita
kavita
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प्यार मुझको मिला ना कहर मिल गया |
मेहर की चाह थी पर जहर मिल गया ||

हाय क्या मै कहूं और किससे कहूँ ?
दर्द का भी नया इक शहर मिल गया ||

कट गया दिल मेरा हाय है किस कदर |
यार को काटने का हुनर मिल गया ||

मै जलूं प्यार की आग में कब तलक ?
अब मुझे हार का हमसफ़र मिल गया ||

बेवफ़ा वो हुए मै रहा बेखबर ………|
बददुआ का कोई सित्मगर मिल गया ||

आशियाना मेरा जल गया है मगर |
यार को रोशनी का असर मिलगया ||

प्रेम आराधना प्रार्थना शिव ने की ?
कर दिया होम सब फल जहर मिलगया ||

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