Achyutam keshvam
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तान न गूँजी जो गरीब की कुटिया में,
आजादी का गान व्यर्थ हो जायेगा.
बढ़ती रहीं जमाते भूखों नंगों की,
उन्नति का अभियान व्यर्थ हो जायेगा.
यौवन के सपनो को पंख न लग पाये,
वीरों का बलिदान व्यर्थ हो जायेगा.
नहीं पसीने का मूल्यांकन अभी हुआ,
तो वेदों का गान व्यर्थ हो जायेगा.
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