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संज्ञा के सौ गुने विशेषण औने-पौने लोग

Achyutam keshvam
Achyutam keshvam
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संज्ञा के सौ गुने विशेषण औने-पौने लोग .
ऊँचे-ऊँचे सिंहासन हैं बौने-बौने लोग .

सैय्यद से लाफिंग बुद्धा तक सजा हुआ बाजार,
झोले भर-भरकर के खरीदते स्वप्न सलौने लोग.

अन्नपूर्णा बनकर जो घरभर का पेट भरे ,
उसके लिए छोड़ते देखे रिक्त भगौने लोग.

बाँट रहे जन्मांध रेवड़ी लेकर के बैठे ,
अपने-अपने हाथों अपने-अपने दौने लोग.

उधर चाँद पर जाने की तैयारी देश करे ,
इधर देख पञ्चांग विचारें शादी गौने लोग .

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