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स्वप्न यह साकार होगा

Achyutam keshvam
Achyutam keshvam
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चिर प्रतीक्षित ऋषि नयन हैं ,
पल रहा सपना युगों से .
हरि पुनः अवतीर्ण होकर ,
तार देंगे सब दुखों से .
जब चरम पर हो अँधेरा .
तब निकट समझो सवेरा .
नाश कलि का है सुनिश्चित .
धर्म का उद्धार निश्चित .
यह समय युग संधि का है
विष्णु का अवतार होगा .
स्वप्न यह साकार होगा .(१)

चुक गया जीवन दनुज का ,
हो चली पूरी कहानी .
कर अटल संकल्प वध का ,
शूल ले झपटी भवानी .
अरुणिमा ईशान में ज्यों ,
देव वन्दन कर रहे हों .
विश्व विजयी भारती का ,
अर्घ्य चन्दन कर रहे हों .
धर्म के उस राज्य में बस .
सत्य ही आधार होगा
स्वप्न यह साकार होगा .(२)

चल रहा मंथन जलधि का ,
श्रम-समय का दान कर लें .
राष्ट्र-हित में शम्भु बनकर ,
आज विष का पान कर लें .
क्षार कर लंका समूची ,
आज प्रभु का नाम लेकर .
निशिचरों की हो सभा तो ,
गाड़ पग श्री राम कहकर .
कंठ में मनु वंशजों के ,
ही विजय का हार होगा .
स्वप्न तो साकार होगा .(३)

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