Achyutam keshvam
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सुख दुख का है पालना, जीवन जी भर झूल।
कांटे भी हैं पुष्प भी, ज्यों गुलाब का फूल।
ज्यों गुलाब का फूल, महकता बाग रहेगा।
और गूंजता सदा, प्रेम का राग रहेगा।
लो यह सुर्ख गुलाब, तुम्हारे सुस्मित मुख सा।
तेरा मेरा साथ, साथिया है सुख दुख का।
नोट : यह लेखक के निजी विचार हैं, इसके लिए वह स्वयं उत्तरदायी है। संस्थान का कोई लेना-देना नहीं है।
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