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विश्वास

कविता संग्रह
कविता संग्रह
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अदृश्य सा तू फिर भी याद कर लेते हैं
बिन रूठे ही हम तो तुझे मना लेते हैं..!
तेरे खाने पर ही हम बाकी खा लेते हैं
विश्वास है जो तुझपे जता लेते हैं….!!

 

 

तेरे ही साये में बचपन से बड़े होते हैं
लोगो की सेवा से भाग्य बना लेते हैं..!
बुढ़ापा हो अच्छा भजन गुनगुना लेते हैं
विश्वास है जो तुझपर जता लेते हैं…!!

 

 

प्यार अक्सर लोगो को मिला देते हैं
मंजिल के सही रास्ते भी बना लेते हैं..!
ज़िन्दगी का ठहरना और आगे बढ़ना
जिससे लोग विश्वास जता लेते हैं..!!

 

 

पल दो पल की ज़िंदगी होती है
फिर भी लोग मौज मना लेते हैं..!
सुख दुख खुशियां ही तो है जिससे
लोग तुझपर विश्वास जता लेते हैं..!!

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