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पाकिस्तान ने 27 तारीख को दिन के उजाले में जानबूझकर अपने विमानों को हिंदुस्तान कि सीमाओ में घुसाया और जानबूझकर एक युद्ध जैसे आसार बनाने की कोशिश की । जिसके बाद हमारी वायुसेना ने जवाबी कार्यवाही करते हुए उनके एक F-16 विमान को ध्वस्त कर दिया । इसमें हिंदुस्तान के भी एक विमान को नुकसान पंहुचा जोकि दुर्भाग्यवश पाकिस्तान की सीमा में जा गिरा, जिसमेे हमारा एक विंग कमांडर भी मौजूद था ।
दरअसल हिंदुस्तान कभी भी पाकिस्तान से युद्ध करना नही चाहता था, हिंदुस्तान की लड़ाई तो सीधेतौर पर उन आतंकवादियो से है, जिन्हें पाकिस्तान अपनी जमींन पर पनाह दे रहा है, और उन्हें पाल-पोष कर बड़ा कर रहा है ।
इस बार जब जंग जैसे हालात बने और हिंदुस्तान ने साफ़ शब्दों में कहा की “अब हिंदुस्तान आतंकवाद को जड़ से ख़त्म करेगा” और विश्व के कई देशो ने हिन्दुस्तान के इस निर्णय को अपना बहुमूल्य समर्थन भी दिया । किंतु अपनी आदत से मजबूत पाकिस्तान ने विश्व के सामने ऎसे हालात पैदा कियेे जिससे पुरे विश्व को यह लगे की भारत-पाकिस्तान के बीच जल्द ही बड़े पैमाने पर युद्ध होने वाला है । जबकि भारत की जंग सीधेतौर पर केवल और केवल आतंकवाद को खत्म करने की थी ।
चालाक पाकिस्तान ने खुद को आगे खड़ा कर मसूद अजहर जैसे कई आतंकवादियो को अपने पीछे छुपाया और हिन्दुस्तान से जंग लड़ने के हालात पैदा किये, जिससे समूचा विश्व भारत-पाकिस्तान में शांति लाने की अपील करने लगा ।
शातिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शांतिदूत बनकर हमारे विंग कमांडर को वापस लोटा रहे है, लेकिन इसके पीछे छुपे पाकिस्तान की मंशा को पूरा विश्व नही देख पाया, जो आतंकवाद को अपने पीछे रख खुद जंग में आया और फिर शांति की अपील करने लगा और समूचा विश्व आतंकवाद को भूल केवल हिंदुस्तान-पाकिस्तान की जंग में व्यस्त हो गया ।
40 जवानो की शहादत और रोज सीमा पर शहीद हो रहे हमारे जवानो की शहादत का बदला तब तक पूरा नही होगा जब तक की पाकिस्तान की जमींन से आतंकवाद खत्म नही हो जाता ।
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