Menu
blogid : 26725 postid : 80

आओ ईद मनायें हम।

रचना
रचना
  • 24 Posts
  • 1 Comment

शीर्षक- आओ ईद मनाये हम।।

प्यार,मोहब्बत वाले रिश्ते, आओ मिलके निभाये हम
साथ मे होली,दीवाली और आओ ईद मनाये हम।।
नफरत वाली राहें छोड़ो,प्यार मोहब्बत से सब जोड़ो
राह गुनाहों का जो भी हो,उससे अपना नाता तोड़ो
बैर भाव सब भूल छोड़ कर,सबको गले लगाये हम
साथ मे होली,दीवाली और आओ ईद मनाये हम।।
आसमान मे दिखा है चांद,दुआ करो कर खुदा को याद
पैगामे ईद मोहब्बत है,करना न किसी से वाद विवाद
अम्मी ने सेवइयां बनाई,आओ मिलकर खाये हम
साथ मे होली,दीवाली और आओ ईद मनाये हम।।
खुदा से मांगो सबकी खैर,नही किसी को समझो गैर
नेकी कर दरिया मे डाल, कर ले तू जन्नत की सैर
खुदा से अब बस एक दुआ,किसी को भी न सताये हम
साथ मे होली,दीवाली और आओ ईद मनाये हम।।
कायनात में सब है खुदा के, पीर पैगम्बर सब है खुदा के
मोमिनों तुम बनों अहिंसक,पैगम्बर कह गये खुदा के
जख्म कभी ना किसी को देना,सब पर रहम बनायें हम
साथ मे होली,दीवाली और आओ ईद मनाये हम।।
आंखों मे है ख्वाब सुनहरे,हाथों पर मेंहदी के पहरे
इत्र की खुश्बू महक रही है,गाती है नदियां की लहरें
करें इबादत,दुआ साथ ही गीत खुशी के गायें हम
साथ मे होली,दीवाली और आओ ईद मनाये हम।।
नेक बनेंगे एक बनेंगे,भेद नही हम प्यार करेंगे
याद करेंगे सारे मजहब, हम ऐसा व्यवहार करेंगे
ईद मुबारक इक दूजे के, बाहों में बंध जायें हम
साथ मे होली,दीवाली और आओ ईद मनाये हम।।
 
‘एहसास’ ये है अल्लाह के सज़दे,हम खुद भी अल्लाह के बन्दे
वतनपरस्ती,प्रेम की बस्ती,अपने हैं ईमान के धन्धे
अदावत,रंजो गम शिकवे गिले,सब भूल जायें हम
साथ मे होली,दीवाली और आओ ईद मनाये हम।।
            -अजय एहसास
       सुलेमपुर परसावां
अम्बेडकर नगर (उ०प्र०)

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh