modern social problems
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अभी कुछ दिनों पहले न्यायलय ने मोबाईल कंपनियों को निर्देश दिया था की वो राष्ट्रगान को कालर बैक टोन ना बनाएं क्योंकि ये राष्ट्रीय सम्मान का अपमान है .
परन्तु कांग्रेस के चुनाव चिन्ह में तिरंगे का प्रयोग होता है.
रैलियों में झंडे लगाए जाते हैं , जो रैली ख़तम होने के बाद ज़मीन में धूल खाता है, पैरों तले रौंदा जाता है .
तो क्या ये राष्ट्रीय सम्मान का अपमान नहीं है ?
क्या अदालतों के न्यायाधीशों को ये दिखाई नहीं देता?
खैर दिखेगा कैसे, सुरक्षा घेरे से बाहर तो वो आते ही नहीं.
वो तो बस शिकायत का इंतज़ार करते हैं.उससे पहले कुछ नहीं करते.
जबकि स्वतः संज्ञान का अधिकार न्यायलय के पास होता है.
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