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जन लोकपाल बिल द्वारा जिस भ्रष्टाचार को ख़त्म करने की बात चल रही है क्या कोई मुझे भ्रष्टाचार की परिभाषा बतायेगा.
क्या यहाँ कोई ऐसा है जो इस बात की गारंटी ले सके कि लोकपाल भ्रष्ट नहीं होगा?
ये तो ठीक ऐसे ही है जैसे भारतीय संविधान में मूल अधिकारों के संरक्षक के रूप में न्यायपालिका को कई अधिकार दिए गए लेकिन कालांतर में न्यायपालिका में भी भ्रष्टाचार व्याप्त है.
जैसा कि कुछ समय पहले उच्चतम न्यायालय द्वारा टिपण्णी भी की गयी थी.
यदि कोई वकील किसी जज का करीबी है तो उसकी वकालत जल्द ही चमक जाती है वरना भटकते रहो
शायद यही वजह है कि अधिकतर जज और वकील अपने बच्चों को विधि की शिक्षा ही दिलवाते हैं चाहे वो पांच साल का इंटिग्रेटेड कोर्स हो या तीन साल का आनर्स .
लेकिन ज़्यादातर लोग पांच साल का कोर्स ही करवाते हैं, क्योंकि पैसे की कोई कमी तो होती नहीं.
मजे की बात ये भी है कि अगर किसी गाडी पर न्याय विभाग, उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय लिखा हो, उस गाडी का ड्राइवर भी सड़क पर जहाँ मर्जी गाडी घुसा देता है, जैसे कह रहा हो क़ानून हमारी जेब में है.
खैर जो भी लोग लोकपाल के पक्ष में हों वो पहले इस बात की जिम्मेदारी लें कि लोकपाल में भ्रष्टाचार नहीं होगा.
और जहाँ तक सरकार की बात है तो सरकार चुनते तो हम ही हैं, अब वो भ्रष्ट है तो इसके जिम्मेदार हम ही हैं कोई और नहीं.
जय हिंद
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