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प्लास्टिक से नुकसान

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आज हम विज्ञान के दौर में इतना आगे बढ़ गये है कि हर असंभव को संभव कर देते हैं। विज्ञान के नये नये खोज देख कर मनुष्य को यकीन नहीं होता है। ऐसे ही एक खोज 1907 में प्लास्टिक के रूप में की गई थी। इसे खोजने वाले साइंटिस्‍ट बकलैंड बेल्जियम के रसायनशास्त्री थे।

 

 

 

साइंटिस्‍ट बकलैंड का जन्म 14 नवम्बर 1863 में हुआ था। बकलैंड ने कहा था अगर मैं गलत नहीं हैं तो मेरी यह खोज एक नये भविष्य की रचना करेगा। समय बीतता गया प्लास्टिक हर जगह उपयोग होने लगा। पॉलिथीन के थैली से लेकर बोटल के पानी तक। लोग अंधा धुन इसे अपने जीवन में उपयोग करने लगे कोई सोचा नहीं था की यह कितना घातक है।

 

 

 

इसे हम मिट्टी में पानी में कही भी रखेंं, यह उसके अंदर भी विषैले तत्व को छोड़ता है। ऐसी खतरनाक चीज को हम अभी भी उपयोग में ले रहे है । हम अपने आपको और पर्यावरण को अपने ही हाथों नष्ट कर रहे हैं। हमें अपने साथ कपड़ों के बने थैले को लेकर रखना चाहिए। जिस से हमें पॉलिथीन की थैली की जरुरत ना पड़े प्लास्टिक को पूरी तरह बन्द करना मुश्किल है। लेकिन असंभव नहीं। हमे अपने देश को बचाना है पयार्वरण को बचाना है। बच्चोंं के स्कूल में जाकर प्लास्टिक से होने वाले बीमारी के बारे में बताना चाहिए।

 

 

 

 

नोट: यह लेखक के निजी विचार हैं। इनसे संस्‍थान का कोई लेना-देना नहीं है।

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