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गहन चिंतनरत `वह’
सहसा अंतर से दस्तक हुई
ज़रा फूंक-फूंक कर
कदम रखो आगे
क्योंकि गली गली
हर तन में छिपा है रावण
क्रोध,क्लेश,अन्याय,
छल,कपट,ईर्ष्या,द्वेष,
बैर,आतंक और अत्याचार
ये है रावण का परिवार
डर के साये में प्रश्नों का लगा डेरा
क्या लक्ष्य पर होगी विजय
या फिर होगी पराजय
दुष्कृत्यों और विकारों का
रावण हारेगा या होगी पराजय
भाग्य की ऐसी विडम्बना
जन्मे अब तो कई असुर….महिषासुर
कर रहे नित्य प्रति
दुराचार औ नारी संहार
रावण के पुतले बनाकर
फूंके जाते हर वर्ष
पर जलता नहीं अंतर का रावण
बुराई पर होगी अच्छाई की जीत
असत्य पर होगी सत्य की जीत
जब होगा रावण परिवार का संहार
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दशहरे पर जागरण टीम के सभी सदस्यों , जागरण मंच के सभी ब्लॉगर साथियों व इस ब्लॉग के सुधी पाठकों और उनके परिवार के सभी सदस्यों को मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनायें !!!!!!!!!आप सबके लिए यह पर्व सुखमय , समृद्धिमय और मंगलमय हो !!!!!!
अलका
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