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महिला क्यों न ले मजबूरी का फायदा ( व्यंग्य )
शायद ही कोई होगा जिसे ये ना पढाया गया हो कि गरीबी , परिवार के दायित्व और संघर्ष पूर्ण जीवन से निजात पाने के लिए सदियों से लड़कियां देह व्यापार जैसे स्तरहीन धंधे में ढकेली जाती रही है और समय बदला महिला सशक्तिकरण का दौर आया , महिलाओ ने पुरुषो को उनकी औकात दिखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी और कई ऐसी महिलाये ( कोई भी काम सब पर लागू नहीं हो सकता है ) जो आगे तो बढ़ी पर उम्र बढ़ जाने के कारण उन्होंने शादी को कोई महत्व नहीं दिया पर महिला दरियादिल होती है , उसमे ममता , प्रेम सब का समुन्त्द्र लहराता रहता है और इसी लिए उन्होंने ऐसे पुरुषो , लडको को तलाशा जो गरीब है , जो संघर्ष कर रहे है , और जिनके कंधे पर परिवा र्की जिम्मेदारी है , बेरोजगारी है और उनको भी धकेल दिया उस दुनिया में जिसे जिगलो कहते है और महिला एस अक्यो न करें आखिर सदियों से बर्बाद की जाने वाली महिला पुरुष को बर्बाद करके उन्हें एहसास क्यों न करवाए वो भी पुरुष को पैसा फेक कर खरीद सकती है , उनकी इज्जत को बेच सकती है …….अभी ऐसा शैशवास्था में है पर जल्दी ही महिला बड़े पैमाने पर ऐसे बदले लेने लगेंगी आखिर पुरुष भी तो जाने कि उन्होंने महिला के साथ आज तक क्या किया .क्या आपने ऐसा नहीं देखा ( देखिएगा भी नहीं क्योकि आप को समाज फिर जो कहेगा वो महिला तो सह गयी पर आप नहीं सह पाएंगे – पुरुष वैश्या)
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