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पुरुष ने देश को ऊपर रखा है

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पुरुष देश के लिए ज्यादा सोचते है (व्यंग्य)
देश में सोना का उत्पादन चाँदी से कम है और तांबे की तुलना में तो बहुत ही कम है | अब आखिर देश को मजबूत करना भी तो जरुरी है और इसी लिए जब से ओलम्पिक खेल में भारत खेल रहा है इस देश के पुरुष ही गोल्ड मैडल ला सके आखिर थोडा ही सही पर देश में सोना बढ़ा या नहीं अब इस देश में महिला को घर की मूली दाल बराबर रही है जो मिला उसमे संतोष कर लिया अब उनसे क्या मतलब कि इस देश में सोना कम है या चाँदी जो है उसमे संतोष करना उनको सिखाया गया है और उनको झाड़ पर चढ़ाना इस देश में कोई आज का काम नहीं है तो चाँदी और ब्रोंज मैडल की इतनी तारीफ कर रहे है मानो दुनिया में और किसी महिला ने कोई मैडल ही नहीं पाया | और रही बात पुरुषो की तो उनको देश के लिए भी सोचना है और महिला के लिए भी आखिर दोनों की ख़ुशी और स्थिरता सोने से ज्यादा है इसी लिए जब सोना मिला नहीं तो चाँदी ब्रोंज के लिए क्यों फर्जी प्रयास करते उससे तो बहता रही कि असे ही बैरंग हो जाये और अब तो सिर्फ ओलंपिक में जाने भर से उत्तर प्रदेश सरकार प्रत्येक उत्त रप्रदेश के खिलाडी को १०-१० लाख रुपये दे रही है | इससे अच्छा कुछ है नहीं कि अब खेल का ढिंग कीजिये और जोड़ तोड़ करके ओलंपिक खेल्ब्ने चले जाइये कम से कम बेराजगारी में तो १० लाख मिल जायेंगे | हार जाओ तो कह दो कि देश में खेल की उचित सुविधा है ही नहीं और जीत जाओ तो भी अप्निमुसिबात का गाना गाओ ताकि महान बन सको इस देश में सिल्वर पाने पर खिलाडी को ३० करोड़ मिल रहे है काश बोल्ट इस देश में होता तो करीब २ करोड़ तो पा ही जाता पर वो तो मंगल गृह का प्राणी है इस लिए जीत गया वरना हमारे यहाँ तो भगवन पवन के वेग से दौड़ते है वो तो भगवन नाराज है इस लिए कोई पवन पुत्र रह ही नहीं गया और वैसे भी हम महाराणा प्रताप के देश के है सर कटा सकते है पर सर झुका नहीं सकते हमारा देश सोना का मूल्य क्या है ये १९९१ में देख चुका है अगर हमने सोना गिरवी ना रखा होता तो देश की लुटिया डूब गयी थी अब एस एमे हमारे देश के खिलाडी सोने से कम कैसे ओलम्पिक में समझौता कर लेते और इसी लिए कोई भी पुरुष कोई भी मैडल नहीं लाया क्योकि देश से ऊपर कुछ नहीं है उनके लिए तो ओलम्पिक में देश का मान किसने बढाया !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! मान भी लीजिये पुरुष इस देश के लिए ज्यादा सोचते है ( आखिर अपनी स्तरहीन हार का इससे अच्छा उत्तर क्या दिया जा सकता है और आप के सामने महिला कैसे ऊपर जा सकती है तो कहिये कि आप इसी लिए कोई मैडल नहीं लाये क्यों देश की अर्थ व्यवस्था में सोने का महत्व है चाँदी का नहीं !!!!!!!!!!!!!!!!!!!) क्या आप मानते है कि पुरुष के अलावा कोई इस देश के लिए सोचता है …….डॉ आलोक चान्टिया अखिल भारतीय अधिकार संगठन

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