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भ्रष्टाचार से साक्षात्कार ( हास्य -व्यंग )

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नमस्कार, मैं सचिन देव अपने फुल्ली फ़ालतू SD चेंनेल पर आप सभी का एक बार फिर से हार्दिक स्वागत करता हूँ , साथियो इस चेंनेल के माध्यम से मैं पहले भी कई मशहूर हस्तियों को आपसे रूबरू करा चुका हूँ, और आज फिर आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ, वर्तमान सरकार के एक ऐसे ही भ्रष्ट नेता को जिनसे आजकल के हालत पर हमारी कवितामय चर्चा आप सबके समक्ष प्रस्तुत है : –

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की जैसे ही हमने नेताजी के व्यस्त समय मैं से थोडा सा खाली समय पाया !
तुरंत उनको फ़ोन लगाकर अपने फुल्ली फालतू चेंनेल के स्टूडियो मैं बुलाया !
नेताजी के साथ – साथ उनके चमचों का भारी भरकम काफिला भी आया !
नेताजी के साथ – साथ उनके चमचों को भी बेमन से चाय – नाश्ता कराया !
मुफ्त का चन्दन घिस मेरे नंदन समझ कर मुस्टंडों ने खूब दबाकर खाया !
घाटे मैं चल रहे हमारे चेंनेल पर कम्बक्तों ने खर्च का एक बोझ और बढ़ाया !
खैर चमचों को स्टूडियो के बाहर बिठाकर हमने नेताजी को अन्दर बुलाया !
और अपने सवालों के तरकश मैं से नेताजी पर पहला प्रश्न बाण चलाया !
नेताजी कडाके की ठण्ड मैं आपकी सरकार लगता है रजाई ओढ़ कर सो रही है !
और यहाँ लाचार जनता महंगाई के मारे अपना दामन अश्कों से भिगो रही है !
जनता महंगाई का बोझ जैसे – तैसे अपने ऊपर गधे की तरह ढो रही है !
मगर ये महंगाई डायन इस गधे रूपी जनता मैं नित नए नस्तर चुभो रही है !
हमारे इस बाण पर नेताजी को मन ही मन बड़ा गुस्सा आया !
फिर भी उन्होंने अपनी जुबान पर डाबर का शुद्ध शहद लगाया !
और हमारे सवाल के इस बाण पर जवाव का मुगदर चलाया !
बोले अरे भई जनता कहाँ हमारे शासन मैं कहीं रो रही है !
ई तो ससुरी विपक्ष है जो ऐसे बीज हमरे खिलाफ बो रही है !
अरे देखिये हमरे राज मैं देश की का तरक्की हो रही है !
कार, मोबाइल फ़ोन से लेकर हवाई यात्रा तक सस्ती हो रही है !
मगर नेताजी दाल, और शक्कर पर जनता की पकड़ ढीली हो रही है !
और पत्नियों की पहली पसंद प्याज तो पतियों की पतलून भिगो रही है !
बैरन प्याज के कारण पत्नी अपना मंहगा मेकअप आंसुओं से धो रही है !
और रही विपक्ष की बात तो एक बार BJP के राज्य मैं भी
प्याज के दामों ने ऐसे ही जनता को कथकली करवाया था !
तब आप लोगों ने अटलजी को 80 की उम्र मै भी भांगड़ा करवाया था !
बुजुर्ग अटल जी का घुटना प्याज का ये भांगड़ा झेल न पाया था !
बेचारों ने तुरंत ही अपना घुटना सरकारी खर्च पर Repair करवाया था !
तब आपकी सरकार तांडव करने सड़क पर उतर आई थी !
और इसी बैरन प्याज ने अटल जी की लुटिया डुबाई थी !
अरे पता नहीं काहे आप लोग हम पर ये आरोप लगाते है !
भई प्याज के रासायनिक गुण की बजह से आंसू तो निकल ही आते हैं !
अउर ससुरा प्याज महंगा है तो ई गरीब लोग उसे काहे खाते हैं !
अरे प्याज की जगह सस्ता जीरा से छोंक काहे नहीं लगाते हैं !
जरा – जरा सी बात मैं रोने के लिए हमरे पास चले आते हैं !
हम अभी विपक्ष के नेताओं के घर एक-एक बोरा प्याज भिजवाते हैं !
और हल्ला मचाने वालों के मुहं रिश्वत की प्याज से बंद करवाते हैं !
हम नेताओं का आपस मैं फेविकोल का जोड़ है ये भी उन्हें बताते हैं !
अच्छा भई अब हम जाते हैं, अउर महंगाई पर कुछ लगाम लगाते हैं !
इतना कहकर नेताजी हाथ जोड़कर स्टूडियो से उठकर चले गए !
और हमें लगा जनता के साथ – साथ आज हम भी छले गए !
ऐसे भ्रष्ट नेताओं की बजह से ही आज हमारी इंडिया जल रही है !
गलती से कोई बिल्ली इनका रस्ता काटे तो वेह बिल्ली भी मर रही है !

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