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सानिया मिर्ज़ा की शादी – भाग – 3 ( हास्य – व्यंग ) कवि की कल्पना

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जैसा की आप सभी जानते हैं की एक खबर देश के सभी CHANNELS पर किसी महामारी की तरह छाई हुई है, और वेह खबर है सानिया मिर्ज़ा की शादी की खबर ऐसा लगता है की देश मैं कोई गम बचा ही नहीं सानिया के अलावा! और देश मैं इतनी बड़ी घटना चल रही हो और लालूजी उस पर अपने विचार ना दें ऐसा कैसे हो सकता है! अपनी आदत या यों कहैं बुरी आदत के अनुसार एक टी वी पत्रकार ने लालूजी को धर दबोचा ! बस फिर क्या था उसका एक सवाल लालूजी के दो जवाब !

पहला सवाल – लालूजी सानिया मिर्ज़ा की शादी के बारे मैं आप क्या कहना चाहेंगे ?

लालूजी – हम यह कहना चाहेंगे की यह जो शादी हो रही है उससे कई भारतीय कहावतें सच साबित हो रही हैं! कहावतें बूझते हो का ? लगता है तुमका समझाना ही पड़ेगा !
पहली कहावत “कीचड़ मैं ही कमल खिलता है”

पत्रकार – क्या मतलब सर !

लालूजी – अरे बुडबक पाकिस्तान कीचड़ सानिया कमल! समझे का!

पत्रकार – वाह सर क्या बात कही ! दूसरी कहावत क्या है सर ?

लालूजी – दूसरी कहावत है “अल्लाह मेहरबान तो गधा पहलवान” यह कहावत समझे का?

पत्रकार – सर यह कहावत तो कोई गधा भी समझ सकता है, फिर भी इस कहावत पर आप अपने शब्दों मैं हमारे दर्शकों को विस्तार से बताना चाहेंगे ?

लालूजी – हाँ क्यों नहीं, देखिये ऐसा है की अगर शोएब पर अल्लाह की मेहरवानी न होती तो सानिया ऊ से शादी करती का, हमारे यहाँ घोड़ों की कमी थी का जो उसने उस ……. को शादी के लिए पसंद किया !

पत्रकार – वाह सर क्या बात कही ! तीसरी कहावत क्या है सर ?

लालूजी – तीसरी कहावत है “अंधे के हाथ बटेर लगना” अब इ वाली कहावत समझे का?

पत्रकार – जी सर आपका अंधे से मतलब शोएब से है और बटेर का अर्थ है सानिया !

लालूजी – हट बुडबक ! तुम पत्रकार लोग समझते हो की सबसे समझदार तुम हो लो फिर तुमका मतलब समझाना पड़ेगा ! इ कहावत मैं अँधा और बटेर सानिया मिर्ज़ा ही हैं ! नहीं समझे क्या…………..

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