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आम बजट से आम जनों की उम्मीदें

Manthan
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आम बजट से आम जनों की उम्मीदें

वित्त – मंत्री श्री चिदंबरम के पद संभालने के बाद सरकार ने अर्थव्यवस्था में तूफानी तेजी लाने के लिए , रिटेल में एफ़.डी.आई. , पेट्रोल -डीजल की कीमतों नियंत्रण-मुक्त करने और रियायती सिलेंडरों की संख्या सी‌मित करने जैसे , आम जनता को सीधे तौर पे प्रभावित करने वाले फैसले लिए हैं ।

इन फैसलों का अर्थव्यवस्था पर खास प्रभाव तो नहीं दिखा लेकिन महंगाई ने जरूर आम आदमी की कमर तोड़ दी। लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुटी यू.पी.ए. सरकार के आगामी बजट से जनता खुद के जुड़ने और महंगाई से राहत और रोजगार की उम्मी़द कर रही है।

महंगाई की मार झेल रहे देश की जनता को विशेषकर वेतनभोगियों को बजट से काफी उम्मीदें हैं l 28 फरवरी को आम बजट पेश होगा और सबकी नजरें वित्त – मंत्री श्री चिदंबरम पर टिकी हैं कि उनके पिटारे से वेतनभोगियों के लिए क्या राहत की खबर आती है !!

जिस गति से महंगाई बढी है उस गति से आयकर का दायरा नहीं बदला है l वेतनभोगियों को उम्मीद है कि आयकर छूट की सीमा 2 लाख से बढा कर तीन लाख रूपए कर दिए जाएंगे जबकि महिलाओ को 3.5 लाख तक की छूट की उम्मीद है ।

देश का एक मध्यम-वर्गीय नागरिक होने के नाते मुझे भी आयकर में छूट की उम्मीद है क्योंकि जीवन-यापन का खर्च काफी बढ गया है । महंगाई बढ रही है और सरकार को जरूरी चीजों के दामों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने चाहिएं ताकि आम लोगों और गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वालों पर असर ना पड़े l चूंकि पहले से ही उन पर काफी असर पड़ चुका है और पड़ रहा है तो कम से कम एक लिमिट होनी चाहिए बजट मध्यम-वर्ग के अनुकूल होना चाहिए ।

ये माना जाता है कि बजट जनता की मदद के लिए बनता है और इससे महंगाई पर काबू पाया जाता है, हम भी ऐसी ही उम्मीद कर रहे हैं लेकिन पिछले कुछ वर्षों से देखा जा रहा है कि बजट आम जनता के पक्ष में नहीं होता है l लेकिन इस बार भी सभी इसी उम्मीद में हैं कि सरकार ऐसा बजट पेश करेगी जो हमारे (आम जनता) लिए हो । आस और विश्वास ही तो इस कमर तोड़ती मँहगाई में जीने के लिए प्रेरित करती है , एक सपना (शायद कभी ना पूरा होने वाला) कि कल कुछ अच्छा होगा !!

जो वेतन भोगी किराए के मकानों में रहते हैं उन्हें किराए पर टैक्स में छूट मिलती है लेकिन ये छूट किराए का 25 फीसदी तक है औऱ इसकी सीमा भी हर महीने 2000 रूपए है l कई सालों से इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है लिहाजा वेतनभोगियों को इसमें सुधार की उम्मीद और आस है ।

कोई भी कैपिटल गेन बॉंड्स में निवेश कर आयकर में छूट पा सकता है लेकिन इसकी सीमा भी 50 लाख तक है इसमें भी सुधार की गुँजाईश और उम्मीद है ।

यदि कोई कर्मचारी देश में कहीं भी अपने परिवार के साथ यात्रा करता है तो यात्रा – खर्च के रूप में आयकर में छूट दी जाती है लेकिन विदेश यात्रा पर ये लागू नहीं होता है औऱ ना ही ठहरने पर आया खर्च इसमें शामिल है, लोग इसमें भी सुधार की उम्मीद कर रहे हैं । एल.टी.ए. हर चार साल में दो बार कर्मचारियों को दिए जाते हैं, कर्मचारियों की उम्मीद व इच्छा है कि ये हर साल दिए जाएं और इसमें रहने – खाने के खर्चे भी शामिल किए जाएं ।

गिफ्ट टैक्स के तहत यदि कोई शख्स अपनी पत्नी को गिफ्ट देता है तो ये या तो पत्नी के आय में जोड़ दिया जाता है या पति की आय के साथ इसे मिला दिया जाता है । आम जनता को इस में भी सुधार की उम्मीद है l

लोगों की सबसे बड़ी उम्मीद इन्कम -टैक्स की लिमिट 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपए किए जाने की है जबकि सरकारी नौकरी में शामिल लोगों का कहना है कि महंगाई के दौर में बच्चों की ट्यूशन फीस और घूमने फिरने का खर्चा बहुत ज़्यादा बढ़ गया है जिसके चलते इस बजट में छूट की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए।

देश के विभिन्न सेक्टरों (क्षेत्रों) में नौकरी करने वाली महिलाओं को इस बजट से काफ़ी उम्मीदें हैं। देश के लगभग सभी बड़े शहरों में महिलाएं मर्दों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम-काज में हिस्सेदारी निभा रही हैं। ये महिलाएं बजट में होम-लोन पर महिलाओं के लिए ब्याज दर में छूट की उम्मीद कर रही हैं। कारोबारी महिलाओं का कहना है कि आजकल घर बनाना भी महिलाओं की ज़िम्मेदारी में शामिल हो चुका है। लिहाज़ा इस मामले में सरकार को लचीला रुख अपनाना चाहिए। पिछले साल बजट के दौरान सरकार ने महिलाओं को इन्कम- टैक्स में पुरूषों के मुकाबले मिलने वाली छूट में भी कमी करके पुरूषों के बराबर कर दिया था, लिहाज़ा उनकी यह मांग बिल्कुल जायज़ है। इसके अलावा अपने संस्थानों में 50 प्रतिशत से ज़्यादा महिलाओं को नौकरी देने वाले संस्थानों को इनकम टैक्स से छूट मिलने की उम्मीद है ।

विगत वर्षों में आम जनों की आय में कुछ खास वृद्धि नहीं हुई। ऐसे में आम जनों की उम्मींद है कि इस बार बजट में वित्त- मंत्री महंगाई से तो निजात दिलाएंगे ही साथ ही कुछ ऐसे उपाय भी करेंगे जिससे लोगों की जेब में कुछ पैसे भी आएं। रोजगार और नई नौकरियों का सवाल भी इस बजट के केंद्र में हो आम लोगों को ऐसी आशा है l

आलोक कुमार , ई-मेल :- alokkumar.shivaventures@gmail.com

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