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अगर काला धन , जरूरी है इसकी उत्पत्ति पर रोक …

उलझन ! मेरे दिल की ....
उलझन ! मेरे दिल की ....
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भारत देश जिसे डाल- डाल पर सोने की चिड़िया और दूध की नदिया बहने बाली भूमि कहा जाता रहा है इस को हजारो सालो से अलग अलग कालखण्ड और मोके पर अलग अलग समूहो के दुआरा लुटा – पिटा गया है, जिसकी बड़ी काल्पनिक कहानिया भी कहि और सुनी जाती रही है अंतिम रूप से अंग्रेजो ने इसके खजाने और धन को लूट कर कगाल कर दिया गया और उसको आजादी के बाद भी रोका न जा सका ,क्युकी सत्ता का रंग बदला , उसकी नियत और ढंग नही बदला और शक्तिशाली समूहों ने अपार धन जमा किया और उसको कानून से बचा कर देश और विदेश में अवैधानिक रूप से जमा किया परन्तु
चोरी , कमीशन , ठेके ,कर प्रपंचना से बच कर देश के अंदर और बाहर काले धन के अम्बार लगे है पर जनता गरीब ही रही , समस्याएं बढ़ती रही | पिछले कुछ चुनावो से इसे भी राजनीती का मुद्दा बना दिया गया और
काले धन को मुद्दा बना कर बी जे पी ने सरकार तो बना ही ली है! परन्तु अब मामला उनके भी गले की फास बन गया है ,पर सवाल यह है की ये धन आया कहा से ? देश के बाहर कैसे गया ? कोन लोग जिम्मेदार है ? उनके लिए क्या सज़ा हो ? किन्होने अपराधिक लापरवाही करी है ? एक एक पैसे का हिसाब और सज़ा होना जरूरी है ! जबकि अभी तक इसकी मात्र खबर ही है मात्रा का अनुमान ही है असलियत किसी को नही पता !
पर जरूरी तो यह है की काला धन जिन जिन स्थानों से बन रहा है उत्पन्न हो रहा है अगर तत्काल इस धन के स्रोत पर रोक न लगी तो देश में सामाजिक असंतुलन ही बढना है , अभी तक देश की दुर्दशा का कारण ये धन है , समाज में गरीबी और अमीरी की खाई , अविकसित और विकसित भेद बढता जा रहा है अगर एक परिवार एक दिन में एक लाख खर्च करके अय्याशी का जीवन जी रहा है तो किसी की पुरे वर्ष में इतनी आमदनी नही होती ,इससे सामाजिक विद्रोह की स्थिति बनती है अपराध एवं नक्सलवाद को बढावा मिलता है ! अगर ये काला ये धन बड़े निर्माण में , हीरे -सोने में , होटलों जमीनों में निवेश में हुआ तो उनकी कीमत उच्चतम स्तर पर जाएँगी ही साथ ही महेगाई और काला बजारी का डर है जिसका असर निम्न और मद्ध्यम वर्ग पर पड़ेंगा पर नये कारखाने या रोजगार बढ़ाने बाले उपक्रमों में एक पैसा भी निवेश न हो पायेंगा !
मुद्दा यह भी है की देश के अंदर मौजूद काला धन भी जाँच के दायरे में आना जरूरी है , सभी सम्पति और बाहन , गहने जेसे खरीद कर दायरे में होने जरूरी है , देश की सभी बेनामी और जाली नाम धारी सम्पति जप्त होनी भी उतनी ही जरूरी है जितना बाहर गये धन की जब्ती है ,क्युकी ये समस्त धन इस देश की जनता की अमानत है !जिसो बापस लाना और रोकना देश हिट में जरूरी है !
अब जरूरी है की काला धन उत्पन्न ही न हो , जो है, वो तुरंत ही सरकारी तौर पर जब्त किया ताकि उसका उपयोग निर्माण और विकास में हो सके ! काला धन के तंत्र को ख़त्म करना ही इसका हल है ! जिसके लिए मौजूदा सरकारी तंत्र को कसना और जागरूक बनाने के अलावा नए तंत्र और कानूनो की जरूरत है | क्युकी कुछ काला तो इस प्रणाली में है ही नही तो ये संभव नही हो पाता ,
तो इस धन से दुनिया के सबसे बुद्धिमान पेशेवर लोगो की सहायता से ही इस धन की बचाया और बढ़ाया जाता रहेंगा उसका रूप बदलता रहेंगा , देश की गरीबी अपने रोने रोती रहेंगी !

अमन अन्गिरिशी
रूडकी

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