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गुनहगार ……..

उलझन ! मेरे दिल की ....
उलझन ! मेरे दिल की ....
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सांप बेरोजगार हो गये, अब आदमी काटने लगे।
कुत्ते क्या करे? तलवे, अब आदमी चाटने लगे। ( संतोष गुप्ता जी आभार )
बीबी के भड़काने पर माँ – बाप को डाटने लगे ,
सुसराल के कुत्ते भी सब देवता हुए ,
लालच से , अपने भाई बहने दिल से साफ हुए ..
लेकर क्या जायेंगा , दुनिया से , वो मकान . वो दुकान . वो सोना , वो चांदी
छूट जाता है ,सब यहा , प्यार हो, सम्मान हो , दुलार हो
परमात्मा भी मिल जायेंगे , गुनाह अगर माफ़ हुए ….

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