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पानीपत की चौथी लड़ाई कठिन है पर जरूरी है !

उलझन ! मेरे दिल की ....
उलझन ! मेरे दिल की ....
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पंद्रहवी जनगणना में जनसंख्या के आंकड़ों के मुताबिक एक अच्‍छा संकेत यह है कि पिछले दस वर्षों में लिंगानुपात 933 से बढ़कर 940 हो गया है। ये लिंगानुपात वर्ष 1961 के बाद सर्वाधिक है। लिंगानुपात का मतलब प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्‍या से है। हरियाणा के झज्झर में लिंगानुपात सबसे कम 774 है।
देश में महिलाओं की कुल आबादी 48 करोड़ 64 है।
*पुरुषों की कुल आबादी 62 करोड़ 37 लाख है।
विकसित देशो के मुकाबले हमारे देश में बालिका अनुपात की खाई लगातार बढती जा रही है जिसके अनेको सामाजिक दुस्प्रभाव सामने आने लगे है इसका मूल कारण है समाज की नारी विरुद्ध सोच , असुरक्षा ,बढते अपराध और आर्थिक समस्याओ के कारण लोगो में पुत्रियों के जन्म के प्रति नकारत्मक भाव बना हुआ है ! जिस पर काबू करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी देशव्यापी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यरम की शुरूआत 22 जनवरी को हरियाणा के पानीपत जिला से करेंगे। यह एक सराहनीय प्रयास है। प्रधानमंत्री द्वारा इस अभियान का शुभारभ हरियाणा से इसलिए किया जा रहा है क्योंकि हरियाणा प्रदेश में लिंगानुपात की स्थिति बड़ी चिंतनीय है जो इस प्रदेश के लिए बेहद शर्मनाक बात है। पानीपत शहर को इस अभियान के लिए चुनकर सरकार ने अपनी संवेदनाओं व गंभीरता को सटीकता से प्रकट किया। प्रदेश में घटता लिंगानुपात सोचनीय विषय है। ऐतिहासिक नगरी से अभियान की शुरुआत हो रही है। देश में इससे अच्छा संदेश जाएगा। प्रधानमंत्री जी ने इस शहर को चुनकर दूरदर्शिता व संकल्प का परिचय दिया। बेटियों के लिए यह कदम मील का पत्थर साबित होगा।नारी सामाजिक व्यवस्था का अहम व जरूरी हिस्सा हैं तथा अब समय आ गया है कि समाज का प्रत्येक व्यक्ति व वर्ग कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ एकजुट होकर आवाज बुलंद करे , ताकि समाज में लिंगानुपात के अंतर को कम किया जा सके।
साथ ही गर्भ जाँच के चोरी – छिपे होने बाके सभी तरीको को और कड़े कानूनो से ख़त्म किया जाये , और गर्भपात को भी बंद किया जाये | प्रचार माध्यमो के सहारे समाजिक बदलाव की मुहीम लानी होंगी !स्कूल और कॉलेज
को इस अभियान से जोड़ना होंगा !

किन्तु इसकी सफलता इस बात पर निर्भर है की महिला वर्ग को शिक्षा ,शासन – प्रशासन रोजगार में उच्च पद दिए जाये और हर तरह से अधिक मोके दिए जाये ताकि वो अपने को अधिक सुरक्षित और आजाद महसूस कर सके | इनके जनक भी निश्चित और गौरवान्वित हो , इसका उदहारण केरल राज्य है जहा महिलाये पुरुषो से ज्यादा संख्या में है और संपन्न है , सबला है और राज्य विकसित है | इस प्रकार का सकारात्मक सन्देश ही सच्चा सामाजिक बदलाव ला सकेंगा , नही तो ये लड़ाई अनिर्णीत ही रहेंगी |
पानीपत के युद्ध इस बार कठिन ही नही जरूरी है !जिसके बल पर देश का भाग्य बदलना सुनिश्चित होंगा !

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