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… नहीं तो एक दिन मिट्टी की खुशबू भी गूगल पर ढूंढ़नी पड़ेगी

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जल ही जीवन है। ऐसा कई बार पढ़ा होगा, सुना होगा और कहा भी होगा। मगर अब इस बात को गंभीरता से लेना जरूरी है, अन्यढथा वो दिन दूर नहीं, जब जल भी एडवांस बुकिंग पर मिला करेगा और सबसे ज्यादा खर्चा भी इसी पर करना पड़ेगा। इसलिए अभी से जल बर्बादी बन्द कर दो।

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कितना अच्छा लगता है, जब जल बचाव में कार्य किये जाते हैं। कुछ लोग पानी बचाते हैं, जरूरत के हिसाब से ही उपयोग करते हैं। शायद आप भी इन्हीं में से एक हों। हमारे अच्छे भविष्य के लिए पानी की हर बूंद बचाना जरूरी है। कुदरत ने हमें कितना कुछ दिया था पर हमने क्या बचाया है?
एक जमाना था शिवजी, जब आपकी गंगा निर्मल थीं और आज यह जमाना आ गया कि उसे निर्मल करने को अभियान चलाये जा रहे हैं। एक जमाना था, जब आसमान से गिरी हर बूंद धरती मां में समा जाती थी और आज ये जमाना आ गया है, जब उनको लगता है कि हम आसमान से उतरे ही क्यों?
मैं ऐसा बिल्कुोल नहीं कहना चाहती कि हम उन्नति न करें पर अपनी उन्नती और विकास के चलते सब कुछ तबाह करना भी ठीक नहीं। इन्सान शिक्षित हो रहे हैं। समझदार बन रहे हैं, इसलिए उन्हें यह भी समझ आना चाहिए कि तकनीकी के साथ -साथ कुदरत भी जरूरी है। नहीं तो एक दिन मिट्टी की खुशबू भी गूगल पर ढूंढ़नी पड़ेगी।
पेड़ हमारे सबसे अच्छे दोस्त हैं, इसलिए उनको सच्ची दोस्ती के बदले सजा मत दो। वो चल नहीं सकते हमारी तरह, इसलिए धरती में पानी जाने दो, ताकि वो प्यासे न रहें, हम भूखे न रहें और ये सुन्दर सी धरती हमेशा सुन्दर बनी रहे। इसलिए जल बचाओ और फिर से धरती को खूबसूरत बनाओ।

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