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तुम मेरे दोस्त हो क्यों कि

व्यंग वाण ...थोडा मुस्कुरा लें.....
व्यंग वाण ...थोडा मुस्कुरा लें.....
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तुम मेरे दोस्त हो क्यों कि,

मुझ से हज़ार गुना प्रतिभाशाली होते हुए भी, अपने कई कारनामो का उल्ल्हास अपने दिल में दबा कर, मेरी एक छोटी सी खुशी को पूरे उमंग के साथ बाँट सकने का साहस है तुम में,,,

तुम मेरे दोस्त हो क्यों कि,
जिंदगी कि रफ़्तार में मेरी हजार बुराईयों को छिपाकर, मेरे किसी क्षुद्र गुण को द्विगुणित कर, मुझ को मुझ से अधिक समझकर , अदिति प्यार करने का साहस है तुम में

तुम मेरे दोस्त हो क्यों कि,

मेरे तुम्हारे बीच , क्षमा , शील, संकोच, पाप, पुण्य, कर्म , भाग्य, कर्तव्य, त्याग, धर्म, अधर्म, की परिभाषाएं दीवार नहीं बनती, सिर्फ एक खुला मैदान है, संतोष का, भरोसे का, प्यार का, विश्वास का, जिसमें उतर कर, इस रूखी दुनिया में जीने का उत्साह बना रहता है,

तुम मेरे दोस्त हो क्यों कि,
तुम मेरे कुछ और नहीं हो, सिर्फ मेरे दोस्त हो….

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