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इन पीले पत्तों को …

kavita
kavita
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इन पीले पत्तों को

कभी गिरते हुए

देखा है


सूखी पत्ती घुमती

हुई ,धरती को

छूतीहै


धरती के आगोश

में समाने को

उत्सुक है

क्यों न हो आखिर

उसे खाद बनना है


एक और पेड़ जनना है

घोंसलों में नींव बनना है

चिड़ियों को बचाना है

गिलहरियों का बिछोना है

इन पत्तियों को

यूं ही बर्बाद

न होने दो


इन्हीं पत्तियों से

धरती को आबाद

करना है

करना है

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