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बदनसीबी और आप

anand
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– आप यदि बदनसीब हैं तो बदनसीबी जन्म से मौत तक आपका पीछा करती है।
– कोई कारण नहीं है कि आप बदनसीब हों, फिर भी आप बदनसीब होते हैं।
– नसीबों के खेल राजा-रंक को आपस में बदलते रहते हैं।
– रंक से राजा बनना आसान है, राजा से रंक बनना भी आसान है लेकिन राजा से रंक बन कर फिर राजा बनना नामुमकिन है।
– आज कई ऐसे लोग हैं जिनका भाग्य उनके साथ नहीं हैं।
– हमेशा भाग्य ही फलीभूत होता है, विद्या एवं पौरूष का कोई महत्व नहीं है। भाग्यं फलति सर्वदा, न च विद्या न पौरुषं….।
– आप यदि शुरू से बदनसीब हो तो मौत तक बदनसीब ही रहोगे।
– बदनसीबी जन्म से शुरू होती है और जन्म-जन्मांतर तक चलती है।
– बदनसीब लोग जिस काम में हाथ डालते हैं, उनका वह काम बिगड़ जाता है।
– बदनसीबी ऊपर वाले की देन है, बड़े-बुजुर्गों का श्राप है।
– इस श्राप के साथ आप ना तो जी सकते हैं, ना ही इसे छोड़ कर मर सकते हैं।
– कुछ लोग होते हैं जो मिट्टी को सोना बना देते हैं। उसी प्रकार कुछ लोग जिस काम में हाथ डालते हैं, वही बिगड़ जाता है।
– शक्तिशाली, धनवान व नसीब वाला व्यक्ति आपका सब कुछ लूट कर ले जाता है और आप हाथ पर हाथ मलते रह जाते हैं।
– बदनसीब व्यक्ति पल-पल बिना अग्नि के दु:ख और पीड़ा से जलता रहता है।

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