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यदि इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। प्रायः ‘सरकारी’ शब्द सुनने से ही लोगों के मन में एक अव्यवस्था का चित्र उभर कर सामने आ जाता है। मगर बिहार के बांका जनपद में कोचिंग और निजी स्कूलों के दबदबे के बीच 5 सरकारी विद्यालयों ने एक नयी कहानी का निर्माण कर दिया। बरसात में पानी टपकने वाले विद्यालय में अब स्मार्ट टीवी से पढाई हो रही है। परीक्षा परिणाम में काफी सुधार आया है। यह संभव हुआ है उन्नयन एप्प से।
उन्नयन एप्प से शहर और सुदूर देहात के बच्चे विषय-विशेषज्ञों के द्वारा तैयार अध्ययन सामग्री से पढाई करते हैं। उन्नयन एप्प की सफलता से प्रेरित होकर पूरे बिहार में इसे लागू करने की योजना बनायी जा रही है। उन्नयन एप्प बनाने का श्रेय बांका जिले के जिलाधिकारी श्री कुंदन कुमार जी को जाता है। उन्होंने बांका जिले का पदभार संंभालने के बाद देखा कि सरकारी विद्यालयों के बच्चों की शैक्षिक प्रगति आशानुरूप नहीं है। बजाय दोषारोपण के उन्होंने इसके समाधान की दिशा में कदम उठाया। इसके परिणाम भी सकारात्मक रहे। आज उन्नयन एप रफ्तार पकड़ चुकी है।
जिला मुख्यालय के साथ गांव-गांव के युवाओं की दस्तक उन्नयन एप में दिखने लगी है। इसके अलावा अन्य जिला व प्रांत के छात्र-छात्राएं व अभिभावक एप से जुड़ रहे हैं। यहीं नहीं विदेश के भी कई विशेषज्ञ जुड़कर एप के लिए अपना समय निकाल रहे हैं और ये विशेषज्ञ बच्चों के जिज्ञासा का समाधान बता रहे हैं. गुणवत्ता पूर्ण व उपयोगी शिक्षा के उद्देश्य से संचालित उन्नयन बांका की गति यही रही तो आने वाले समय में जिले से कई प्रतिभावान छात्र-छात्राएं ऊंची छलांग लगा सकते हैं।
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