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जगमग सबकी मने दिवाली

Anand Vishvas
Anand Vishvas
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जगमग सबकी मने दिवाली
…आनन्द विश्वास

जगमग सबकी मने दिवाली,
खुशी उछालें भर-भर थाली।

खील खिलौने और बताशे,
खूब बजाएं बाजे ताशे।

ज्योति-पर्व है,ज्योति जलाएं,
मन के तम को दूर भगाएं।

दीप जलाएं सबके घर पर,
जो नम आँखें उनके घर पर।

हर मन में जब दीप जलेगा,
तभी दिवाली पर्व मनेगा।

खुशियाँ सबके घर-घर बाँटें,
तिमिर कुहासा मन का छाँटें।

धूम धड़ाका खुशी मनाएं,
सभी जगह पर दीप जलाएं।

कोई कोना ऐसा हो ना,
जिसमें जलता दीप दिखे ना।

देखो, ऊपर नभ में थाली,
चन्दा के घर मनी दिवाली।

देखो, ढ़ेरों दीप जले हैं,
नहीं पटाखे वहाँ चले हैं।

कैसी सुन्दर हवा वहाँ है,
बोलो कैसी हवा यहाँ है।

सुनो, पटाखे नहीं चलाएं,
धुआँ, धुन्ध से मुक्ति पाए।

…आनन्द विश्वास
जगमग सबकी मने दिवाली

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