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बिहार की शिक्षा व्यवस्था

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आज हम बात करेंगे भारत के सबसे पिछड़े राज्य बिहार के बारे में क्योँकि देश में जब भी शिक्षा की चर्चा होती है तो हम बिहार को नहीं भूल सकते है। बिहार (Bihar) भारत का एक ऐसा राज्य है जो शिक्षा के स्तर मे भारत के 38 राज्यो मे सबसे नीचे है आइये इस गंभीर विषय पर एक चर्चा करे और जाने क्यू है बिहार मे शिक्षा का ये हाल।दोस्तो Knowledge Panel ने इंटरनेट,अखबारो,टीवी चैनल के माध्यम से ली गई जानकारी को इकठ्ठा कर के आपके लिए एक आर्टिक्ल तैयार किया है । पसंद आए तो इसे Share जरूर कीजिये ताकि सब मिल कर बिहार के शिक्षा को सुधारने मे आगे आए ।

 

 

 

दोस्तो देश मे हमेसा से कुछ अलग तरह की बातों के लिए चर्चा मे रहने वाला राज्य बिहार मे कुल 17 State Universities है जिसमे ( Patliputra University, Bihar Animal Science University ,Purnea university and Munger University जिसे 2016 मे खोली गई ), 9 central universities, 2 Deemed universities और 5 Private university है यानि कुल मिला कर 27 विश्वविध्यालय है इसके आलवे अगर हम बात करे Engineering Colleges की तो कुल 4 Central Governments,13 पब्लिक सैक्टर के Governments engineering College और 17 Privet Engineering College है जो हर साल तकरीबन 9000 छात्रो को Engineering की शिक्षा देती है 10 Government medical College 3 Private Medical College साथ ही dental College , Agriculture College, MBA College, MCA College, Art & Fashion, law etc ये सब मिला कर कुल 134 Colleges है बिहार मे ।

 

 

 

इन सब के आलवे अगर हम बात करे निचले स्तर के शिक्षा की अर्थात प्राथमिक मध्यमिक और उच्य स्तर के शिक्षा की तो बिहार मे कुल 71,832 विद्यालय है जिसमे 2 करोड़ 34 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण करने जाते है। दूसरी तरफ हर साल सैकड़ो छात्र IAS, IPS, IFS, CA, IIT  जैसे कठिन परीक्षा मे बिहारी छात्र अपना दबदबा बनाए रखते है । देश के अलग अलग हिस्सो के सरकारी और गैर सरकारी विभागो के शीर्ष स्थान मे भी बिहारी छात्रो का वर्चश्व बना रहता है ।

 

 

ये तो सब आकड़े को देखने के बाद हमारे मन मे एक ही सवाल उठता है क्या सच मे ये वही बिहार है ? पूरे भारत मे सबसे परिश्रमी माने जाने वाले ये बिहारी आज पीछे क्यू है ? देश को सबसे ज्यादा IAS देने वाला राज्य आज शिक्षा के क्षेत्र मे सबसे पीछे क्यू है ? ये सवाल हर किसी के मन मे उठता है । दोस्तो ऊपर दिये आकड़ों को देखने के बाद आप सोचेंगे की सब कुछ तो बिलकुल ठीक है फिर कमी है कहाँ………… कमी है दोस्तो अब आगे आप कुछ आकड़ों देखने के बाद आपको समझ आ जाएगा गलती कहाँ है ।

 

 

दोस्तो 1961 से 2011 तक बिहार मे साक्षारता दर कुछ इस प्रकार है

वर्षकुलपुरुषमहिला
196121.9535.858.11
197123.1735.869.86
198132.3247.1116.61
199137.4951.3721.99
200147.5360.3233.57
201163.8273.3953.33

 

 

आकड़ों को देखे तो बिहार की साक्षारता दर बढ़ी है और सरकार इसके लिए कई तरह के योजना भी लेकर आती रहती है अब देखना ये है की 2021 मे होने वाले जनगणना मे इन आकड़ों मे कितनी बढ़ोतरी होती है । वर्तमान समय की बात करे तो बिहार मे शिक्षा जगत कई सारे समस्या से घिरी है यहाँ मांग और आपूर्ति यानि Demand and Supply का तालमेल कुछ अच्छा नहीं है तेजी से बढ़ती जनसंख्या और इतने सारे सुविधाओ के बाबजूद उचयस्तरीय शिक्षा के लिए छात्रो का दूसरे राज्यो मे जाना ये सब शिक्षा के गंभीर समस्या मे से है ।

 

 

 

शिक्षा को आगे बढ़ाने वाले शिक्षक की बात करे सरकार के मुताबिक पूरे बिहार मे तकरीबन 4,67,877 शिक्षक है जो 2 करोड़ 34 लाख छात्रो को पढ़ते है यानि हर 50 छात्रो पर 1 शिक्षक। अब सबसे चौकने वाली बात ये है की कुल शिक्षक मे तकरीबन 37.8 % शिक्षक स्कूल मे अनुपस्थित रहते है यानि 2,91,019 शिक्षक अक्सर पढ़ाने नहीं जाते जो देश मे ही नहीं विश्व मे अपने आप मे एक अनोखी घटना है । दोस्तो अबतक तो आप समझ ही गए होंगे की बिहार की शिक्षा मे कमी कहाँ है । जी हाँ दोस्तो कमी यहाँ की शिक्षा वयवस्था मे है । कमी बिहार सरकार के द्वारा चलाई जा रही शिक्षा योजना पे है।

 

 

इन सब से मतलब साफ है की सरकार को बिहार मे निचले स्तर की पढ़ाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। शिक्षा के क्षेत्र मे कुछ जरूरी और ध्यान देने वाले तथ्य अक्सर बिहार को लेकर देश के सामने आती है.. साल 2017 मे आए बिहार बोर्ड 12वी का परिणाम आपको चौका देगा जिसमे 70% छात्र फ़ेल हो गए ! इतने खराब रिज़ल्ट का कारण। साल 2016 मे बिहार बोर्ड के Toppers घोटालो को पूरा देश जानता है जिसमे सभी Faculty मे Top किए छात्र शिक्षा के सबसे बारे घोटाले का शिकार हुए जिसने बिहार शिक्षा व्यवस्था को हिला के रख दिया ।

 

 

Toppers घोटाले के बाद सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुये Bihar Education Board मे भारी फेरबदल किया । इतने फेरबदल के बाद भी साल 2017 मे फिर Topers मे घोटाले की बात सामने आ रही है जिसमे 12 कक्षा के आर्ट्स Topers गणेश कुमार पर इंल्ज़ाम लगा की वे बिहार बोर्ड के साथ मिल कर अपनी उम्र छिपा कर परीक्षा दी है और छानबीन मे ये सामने आया की इस प्रक्रिया मे शिक्षा विभाग के बारे अधिकारी शामिल है । इसके आलवे 2017 के आए 12वी के परिणाम मे कुछ ऐसे छात्र भी है जिन्होने ने आईआईटी जैसे कठिन परीक्षा पास की है लेकिन बिहार बोर्ड के 12वी के परिणाम ने उन्हे फ़ेल कर दिया वो भी किसी विषय मे 0 अंक आने के कारण ।

 

 

 

 

नोट : इन विचारों के लिए लेखक स्वयं उत्तरदायी हैं।

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