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राष्ट्रीय शर्म के विषय

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एक देश जो उपग्रह प्रक्षेपित करने और बनाने में सक्षम हो, परमाणु विखंडन में अपनी पकड़ बना रहा हो। उसके लिए बलात्कार के अलावा और भी कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां उसे राष्ट्रीय शर्म का सामना करना पड़ रहा है। ब्रिटेन ने अपनी राजधानी लंदन के बीचो-बीच के गुजरने वाले थेम्स नदी की सफाई की योजना बनाई और उसे सफलतापूर्वक पूरा किया। वहीं भारत की राजधानी दिल्ली से होकर बहने वाली यमुना के हालात ऐसे हैं कि उसके आसपास से गुजरने वाले को भी नाक ढंककर निकलना पड़ता है।

आइए कुछ ऐसे ही विषयों की पड़ताल करें, जिनमें सुधार के बिना देश की छवि को बदलना नामुमकिन है:

तोंदु पुलिस बल
पिछले तीन दशकों में आतंकवाद और हमलों ने अपना रूप काफी बदल लिया है। ऐसे में जरूरत ऐसे पुलिसवालों की है, जो कमांडो की तर्ज पर एक्शन ले सकें और कानून तोडऩे वालों में जिनका खौफ हो। लेकिन ऐसा नहीं है। देश के हर राज्य में पुलिस बल तोंदु होता जा रहा है। इसका असर इनकी सक्रियता और डयूटी पर भी दिखाई देता है। अपराध रोकने के लिए इनका फिट रहना भी जरूरी है।

यमुना
यमुना नदी का उल्लेख 1700-1100 ईसवी पूर्व लिखे गए ऋग्वेद में भी मिलता है। वेदों में पूजनीय बताई गई इस नदी की हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रदूषण पर जारी अपनी रिपोर्ट में यमुना को गंदे नाले से भी गया-गुजरा बताया है। वहीं लंदन की थेम्स और पेरिस की सीन नदी को देखकर पता चलता है कि कौन सा देश नदियों को कितना महत्व दे रहा है।

मृत्युदंड
किसी भी सभ्य समाज में मृत्युदंड को सही नहीं माना जाता है। हालांकि 26/11 की घटना के मुख्य आरोपी अजमल कसाब को फांसी दिए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि मृत्युदंड देने के कानूनी पहलुओं पर विचार किया जाना आवश्यक है।

रेलवे टॉयलेट्स
देश के एक रेलमंत्री में एक बयान में कहा था कि भारतीय रेलवे ट्रैक दुनिया के सबसे बड़े ओपन टॉयलेट हैं। भारतीय रेलों में आज भी ऐसे टॉयलेट नहीं लगाए जा सके हैं, जो पर्यावरण को दूषित न करें।

सीवेज की सफाई
हमारे देश में आज भी सीवेज की सफाई के लिए कामगारों को नियुक्त किया जाता है। महाशक्ति बनते देश की राजधानी में हर साल कई सफाईकर्मियों की मौत सीवेज में उतरने और वहां की जहरीली गैस की वजह से हो जाती है। यह हालात तब हैं, जबकि देश में मैला ढोना गैरकानूनी है।

यूनिवर्सल ब्रॉडबैंड
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के तकनीकी सलाहकार राज रेड्डी ने कहा था कि किसी भी देश के विकास के लिए सूचनाओं का आम लोगों तक पहुंचना बहुत जरूरी है। उनका तर्क था कि असाक्षर व्यक्ति भी चित्रों और चिन्हों के जरिए संदेश समझ सकता है। इसलिए ब्रॉडबैंड के जरिए इंटरनेट से दी जाने वाली सरल सूचनाएं हर आम-ओ-खास के लिए लाभकारी होती हैं।

बुलेट ट्रेन
चीन ने हाल ही में दुनिया की सबसे तेज चलने वाली बुलेट ट्रेन की सबसे लंबे रूट की सेवा शुरू की है। बीजिंग के गुआंग्जू के बीच की 2298 किलोमीटर की दूरी को यह ट्रेन 300 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से पूरा करती है। वहीं इसके मुकाबले भारत में ट्रेनों की औसत गति मात्र 85 किलोमीटर प्रति घंटा है। युवा भारतीय चाहते हैं कि उन्हें काम के लिए ज्यादा से ज्यादा वक्त मिले। इसके लिए तेज ट्रांसपोर्टेशन होना बहुत जरूरी है।

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