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अभी हाल ही मे युवाओ को रोजगार देने के मामले मे हमारे देश के गणमान्य पदो पर बैठे नेताओ ने युवाओ को पकोड़े बेचने को कहा, उन्होने कहाँ कि अगर रोजगार चाहिये तो पकोड़े बेच कर रोजगार करे पकोड़े बेचना भी एक रोजगार है,वही दूसरी ओर—– यूपी बोर्ड की परीक्षा शुरु हो गयी है जिसको पूरी तरह से नकलविहीन बनाने के लिए परीक्षा कक्ष मे कैमरे लगाये गये है ताकि जो बच्चा परीक्षा दे रहा है वो केवल अपने मेहनत से पास हो ताकि फिर वो अच्छा पढ लिखकर पकोड़े बेच सके।
हमारी सरकार करना क्या चाहती है मकसद साफ तो करे एक तरफ पूर्णतय भारत डिजिटल बनाया जा रहा है ओर दूसरी तरफ पढे लिखे युवाओ को रोजगार के नाम पर पकोड़े तलने को कहाँ जा रहा है अगर पकोड़े ही तलने थे तो हमारे देश की इस शिक्षा पद्द्ति का क्या ये जो इतने बड़े पैमाने पर कॉलेज यूनिवेर्सिटी खड़ी की हुई उनमे बहुत मोटी रकम लगाकर पढ़ाई पुरी कराई जाती है फिर वो तो सब बेकार है ना—– जब तलने ही पकोड़े है तो ये सब झझट क्यो—– सच क्या है साफ करे सरकार।
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