यूपी मे हिन्दी नही चलती
यू॰पी मे अभी हाल ही मे हाईस्कूल व इंटर्मीडियट का रिज़ल्ट घोषित हुआ रिज़ल्ट तो अच्छा रहा जैसा कि पिछले कुछ वर्षो से आता रहा है लेकिन अबकी बार एक विचित्र बात सामने आयी है ज़्यादातर छात्र हिन्दी मे फ़ेल हो गये हद तब हुई जब उत्तर पूरब के एक स्कूल मे तो हाईस्कूल के जितने छात्र हिन्दी मे थे सब हिन्दी मे फ़ेल हो गये ।
यू॰पी बोर्ड से परीक्षा देने का मतलब ही यही होता है कि छात्रो मे हिन्दी पढ़ने मे भी कोई समस्या नही है वरना बोर्ड तो और भी है जैसे सीबीएसई बोर्ड इसमे वो छात्र पढ़ाई करते है जिनको इंग्लिश भाषा से कोई समस्या नहीं होती।
छात्रो का हिन्दी मे फ़ेल होना केवल हिन्दी विषय से जोड़कर नही देखा जा सकता है ये हमारी म्रात्रभाषा का भी अपमान है । हिन्दी मे फ़ेल होने का मतलब स्टूडेंट को हिन्दी का सही प्रकार से ज्ञान न होना और ये बढ़े शर्म का विषय है आजकल तो हिन्दी हमारे देश मे ही नही अपितु विदेश मे लोग बोलने लगे है हिन्दी सीखने के लिए लोग टुशन का सहारा लेते है लोगो ने हिन्दी सीखाने के लिए ऑनलाइन कारोबार किए हुए है इंटरनेट पर भी पहले सब कुछ इंग्लिश मे होता था वहाँ पर भी हिन्दी ने अपना स्थान बना लिया है अब ज़्यादातर लोग हिन्दी मे ही अपनी समाग्री को प्रकाशित कर रहे है जब हमारी मात्रभाषा को विदेशी लोग सीखने के इछूक हो सखते है ओर हमारी मात्रभाषा बाहर एरिया मे भी अपने पंख पसार रही है फिर क्यो वो अपने ही देश मे अपने ही इलाके मे इसकी इतनी कमी क्यू दिखाई दे रही है कि स्टूडेंट हाईस्कूल का हिन्दी प्रशनपत्र हल नही कर पा रहे है बड़े शर्म का व शोचनीय विषय है
हमारी सरकारो के शिक्षा विभाग को इसकी तरफ बहुत ज्यादा ध्यान देने की अपितु इसके स्तर को ओर अधिक ऊंचा उठाने की आवश्यकता है
अंजलि रूहेला
अम्बैहटा पीर
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