ओछी राजनीति
चुनाव का मौसम है हर पार्टी अपने को देशहित मे खरा उतरने का दावा कर रही है सत्ता मे आने के लिए, अपने विपरीत पार्टी को गलत साबित करने के लिए कोई कसर नहीं छोडी जा रही रही है,एक दूसरे को नीचा दिखाने व अपने को सही साबित करने के लिए भद्दे शब्दो का सहारा लेने मे भी कोई गुरेज नहीं किया जा रहा है जो कि किसी भी दष्टि से सही नहीं बैठता है
जगह जगह चुनावी रैलिया हो रही है एक दूसरे के काले कारनामे ,घोटाले की पोल खोली जा रही है लेकिन अपने फायदे के लिए एक दूसरे को सपोर्ट भी पूरा किया जा रहा है देश किसी की नहीं दिखाई दे रहा है दिखाई दे रही है बस अपनी कुर्सी ओर अपनी सत्ता
सत्ता का लालच ना होता तो एक दूसरे के ध्रुर विरोधी आज एक मंच पर ना दिखाई देते, सब जानते है कि सपा-बसपा एक दूसरे के पूर्णतय विरोधी है कई सालो से उत्तर प्रदेश के अन्दर ये ही दो पार्टी हुआ करती थी जो एक के विरोध मे खड़ी होती थी व एक दूसरे को कड़ी टक्कर देती थी लेकिन अब कुछ नया क्या ऐसा हुआ कि जो दोनों पार्टी एक साथ एक दूसरे के लिए वोते मांग रही रही है एक दूसरे का विकास दिखाई देने लगा क्या, नहीं सत्ता हाथ से ना चली जाए किसी भी तरह आधी अधूरी ही सही कुर्सी हाथ मे तो आए सत्ता का लालच आ रहा है ……
वही दूसरी ओर बंगाल कि दीदी को राजनीति मे देखे तो प्रधानमंत्री पर देश धोखा देने ओर भी ना जाने कितने इल्जाम लगा देती है तुछ शब्दो का प्रयोग करने से भी पीछे नहीं हटती है ओर एक तरफ प्रधानमंत्री के लिए बंगाल से कुर्ता पाजामा मिठाई भिजवाती है सच क्या है जिससे रैलिया करके लोगो के सामने गलत बोलते है या जनता के पीठ पीछे रिश्ते निभाते है सब कुर्सी कि माया है जनता के बारे मे देश के बारे मे कोई नहीं सोच रहा है
राजनीति मे आज के समय मे इतना बुरा हाल कि नेता लोग आम जनता को धर्म के नाम पर बाटने पर तुले हुए है साफ साफ बोल रहे है कि हिन्दू इधर वोते दे मुस्लिम उधर वोट दे लोगो को बाँट दिया फिर वोट लेने के बाद एक दूसरे के साथ मिलकर गठबंधन से सरकार बना लेते है जनता का बेवकूफ बना देते है कि हम हिन्दू भाई के बारे मे सोचते है ओर हम मुस्लिम भाई के बारे मे सोचते है सोचता कोई किसी के बारे मे नहीं…. सोचते है तो सिर्फ अपनी कुर्सी के बारे मे अपनी सत्ता के बारे…..
अंजलि रूहेला
अम्बैहटा पीर
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