सरकारी लापरवाही से देश बर्बाद हो रहा है
हमारे देश मे भले ही आज कितनी ही योजनाए चल रही है कितना ही कोंपुतरिकरत हो गया हो लेकिन सच यही है कि देश पिछड़ रहा है,ओर इस पिछड़ेपन के लिए कोई एक व्यक्ति जिम्मेदार नहीं है पूरा सिस्टम ही खराब है,सारी व्यवस्था ही कुछ ऐसी है जिसका कोई सिर है न पैर,
एक तरफ बेरोजगारी इतनी बढ़ रही है कि आम आदमी आत्महत्त्या करने पर उतर आये है और दूसरी तरफ जहाँ काम है वो कोई भी विभाग हो,उसमे स्टाफ की कमी होने के कारण काम समय से नहीं होता है देश के अन्दर जितने भी अलग अलग प्रकार के विभाग है वो किसी भी कार्य से सम्बन्धित है वो कार्य अधुरे ही पड़े है चाहे वो किसी भी विभाग को ले लो।
कुछ विभागो की जानकारी तो आम आदमी को है ही नहीं कि वो कि वो किस काम से सम्बन्धित है, लेकिन जो जगजाहिर विभाग है जिससे लोगो को अपने दैनिक जीवन के काम पूरे कराने होते है वहाँ भी आधे पद खाली पड़े है जैसे:- बिजली विभाग के ऑफिस मे रोज पता नी कितने लोग सुबह को जाते है और शाम को बिना काम पूरा हुए वापस आ जाते है लापरवाही विधुत विभाग की लेकिन परेशानी का सामना करना पड़ता है आम आदमी को, कई बार तो बिजली उपभोक्त्ता टाइम से अपना बिजली बिल भुगतान कर देते है लेकिन इन्फॉर्मेशन अपडेट ना होने के कारण बिल आगे जुड़कर आ जाता है और फिर कब ठीक होगा वो तो राम भरोसे……
ऐसा ही हाल हमारे कोर्ट का है, ना जाने कितने मामले कोर्ट मे लांबित है लोग मर जाते है लेकिन कोर्ट मे केस खत्म नहीं होते है
अगली पीढ़ी को उसका हिसाब देखना होता है मामला किसी का, ओर भुगतान कोई ओर करे, दूसरी तरफ लॉं डिग्री लिए हुए कितने ही बेरोजगार लोग है।
बेरोजगारी बढ़ रही है चोरी बढ़ रह है अब पेट भरने के लिए कुछ तो करेगे ही ना या वैध काम या फिर अवैध काम
इस तरह के ओर भी ना जाने कितने उदाहरण है जो देश व्यवस्था को गड्डे मे डाल रहे है अगर ये व्यवस्था सही ढंग से सुचारु नहीं की गयी तो देश के हालात को बद से बद्तर होने से कोई बचा नहीं पाएगा।
इस व्यवस्था को धीरे धीरे पटरी पर लाया जा सकता है लेकिन सबके सहयोग से…जिसमे देश के नागरिक ओर देश की सरकारे चाहे फिर वो केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार क्योकि नियम उन्ही को बनाने है तय समय सीमा मे काम पुरा करने के निर्देश अगर विभागो को मिल जाए तो व्यवस्था दुरुस्त होने से कोई रोक नहीं पाएगा ओर देश मे ये जो अव्यवस्था फैली है वो सब ठीक हो जाएगी लेकिन अगर हमारी सरकारे इस तरफ ध्यान दे तब…।
अंजलि रूहेला
अम्बैहटा पीर
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