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जो पकड़ा जाये वो चोर बाकी सब साहूकार………….अब ये उन मंत्रियों का दुर्भाग्य की वो पकडे गए……..थोडा सा गम खा लेते…पर बोरियत मिटाने को कुछ तो चाहिये. हम समझ सकते है की विधान सभा में विधायकों को उसी प्रकार नींद आती होगी जैसे की कभी हमें क्लास रूम में आती थी और अब कांफ्रेंस में आती है. हम तक क्लास में पत्रिका देख कर समाधान निकालते थे और वो कुछ जयादा ही बड़ा काम कर रहे थे. तो साहब लोग अगर दस से बारह साल के बच्चे मोबाईल पर ये सब देख सकते हैं तो माननीय जी की उम्र तो पैतीस से जयादा ही थी , और यदि कोई उनके इस वीडियो देखने पर सवाल उठाता तो मै ये कहूँगा की किसी पर एक ऊँगली उठाने पर बाकी चार ऊँगली आप पर भी हैं. हममे से कितने है जिन्हों ने कोई ऐसी फिल्म देखी नहीं या फिर स्टोर नहीं की?
बात ये जरूर है की काम के वक़्त मटरगस्त्ती कर रहे थे माननीय जी…..ये तो गलत था पर हम सभी अपने आफिस में कितनी देर वास्तव में काम करते है ये गौर करने की बात है. यदि आप नैतिकता की बात करते हैं तो बिग बोस में भी पोर्न अभिनेत्री का भारत ने खुले दिल से स्वागत किया था. दो अर्थो के संवादों और गानों की गिनती ही नहीं है, और विज्ञापन के वयस्कों के बारे में होने को ले कर अभी अभी एक ब्लॉग दखा था इसी मंच पर. साइट्स की तो भरमार है, मसाज पार्लर और एस्कोर्ट के विज्ञापन सभी समाचार पत्र देते हैं तब नैतिकता कहा जाती है?
कुल मिला कर कहना ये है की ये राजनीति का नहीं भारतीय समाज का अधोपतन दर्शाता वाकया है. जब विधानसभा लोकतंत्र के मंदिर ही नहीं रहा तो अश्लील वीडियो देखना एक असाधारण और अक्षम्य अपराध हो ही नहीं सकता. और दंड भी तो कम नहीं मिला उनको. मंत्री पद जाना छोटी बात है पर ऐसी बात समाचार चैनल में आने के बाद घर वालो से तो दूर अपने वाहन चालक से नजरे भी कैसे मिला पाए होंगे….अगले चुनाव में जनता से भी नजरे मिलनी है. और राजनीति के नैतिक अधःपतन का ये उदाहरण तो वैसा ही है की बड़े डाकुओं को माफ़ी और पाकेटमार को फासी . बलात्कार और हत्या के वांछित बाहुबली का विशेषण पाते है उनका क्या? शायद तिल का ताड़ बन रहा है मेरे हिसाब से.
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