Anuradha Dhyani
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किसी कृति या रचना में इतिहास से छेड़छाड़ और वो एक बड़ा मुद्दा बन जाता है. केवल सिनेमा की क्या बात करे आजकल टीवी चैनल पर आने वाले कुछ सीरियल की बात करू तो इन्होने भी कल्पना के नाम पर ऐतिहासिक किरदारों को ऐसा दिखाया कि इतिहास से सम्बंधित कुछ भी देखने का मन अब नहीं करता, अब मन में यही बात बार- बार आती है
कोई इतिहास लिखता है ,कोई इतिहास पढ़ता है.
वो विरले ही होते है, जो इतिहास बनाते है
कर्मों से जो अपने कालजयी हो जाते है.
इन किरदारों को कल्पना में रंग कर ,
कोई अपनी कलम चलाता है
और बिना कारण ही फिर,
देश आगजनी में झुलस जाता है.
देश के कवियों, सृजन से पूर्ण मनुजों
अपनी कल्पना से ऐसा कुछ रच दो
प्रेरणा पाए भारत के जन,
स्वर्णिम इतिहास लिख दो
तज दो , ऐसे कर्म तुम
जो ऐसे हालात बना जाए
गरीबों की रोटी भी छीने
और मन भयभीत हो जाए…………..
अनुराधा नौटियाल ध्यानी
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