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होलोग्राफी

Anuradha Dhyani
Anuradha Dhyani
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“होलोग्राम देखकर ही सामान खरीदे” , यह विज्ञापन अधिकांश कंपनियों द्वारा नकली एवं असली वस्तुओं में पहचान करने हेतु दिया जाता है. कभी आपने इन होलोग्राम्स को ध्यान से देखा है ? जब अलग -अलग कोणों से इन्हें देखते है तो बच्चों के लिए ये एक मनोरंजक खेल भी होता है. आखिर ये होलोग्राम है क्या ? इसके लिए हमें होलोग्राफी तकनीक को समझना जरुरी है.

होलोग्राफी शब्द ग्रीक शब्द होलो और ग्राफीन से मिलकर बना है. होलो शब्द का अर्थ है -सम्पूर्ण और ग्राफीन शब्द का अर्थ है लिखना . यह तकनीक प्रकाश के व्यतिकरण और विवर्तन घटना पर आधारित है. इसका आविष्कार लंदन के इम्पीरियल कॉलेज ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर डेनिस गेबर ने १९४७ में किया था और इसके लिए उन्हें १९७१ में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया . होलोग्राम को त्रिविमीय चित्र ( ३ -डी फोटोग्राफ ) भी कहा जाता है परंतु यह फोटोग्राफ से भिन्न है . अब प्रश्न यह है कि फोटोग्राफ और होलोग्राम में क्या अंतर है . फोटोग्राफ २- डी चित्र है और होलोग्राम 3-डी . यहाँ डी से तात्पर्य है – डायमेंशन (आयाम या विमा ) है . फोटो ग्राफ को यदि टुकड़ो में बाँट दिया जाएँ तो हमे वस्तु से सम्बंधित पूर्ण सूचना प्राप्त नहीं हो पाती है क्योंकि टुकड़ो में संचित कुछ सूचना नष्ट हो जाती है जबकि होलोग्राम्स के यदि इसके टुकड़े- टुकड़े भी कर दिए जाए तब भी वस्तु की संपूर्ण जानकारी मिल जाती है .

प्रारम्भ में होलोग्राम लेज़र किरणों के सहायता से बनाये गए है परंतु अब भिन्न -भिन्न तरंगो से भी होलोग्राम बनाये जा सकते है जिसका अनुप्रयोग हम चिकित्सा , सुरक्षा , मनोरंजन , व्यवसाय एवं अनेक शोध कार्यों में कर रहे है . . होलोग्राम बनाते समय सबसे पहले होलोग्राम रिकॉर्ड किया जाता है और उसे देखने के लिए फिर होलोग्राम को उसी तरंग द्वारा प्रकाशित किया जाता है . रिकॉर्डिंग के लिए लेज़र किरणों का प्रयोग किया जाता है . इसके लिए लेज़र किरण को बीम स्प्लिटर पर डाला जाता है . बीम स्प्लिटर , लेज़र किरण को दो भागों में विभक्त कर देता है . इस किरण के एक भाग को वस्तु पर डाला जाता है और यह किरण वस्तु से परावर्तित होकर फोटोग्राफिक प्लेट पर आपतित होती है. किरण के दूसरे भाग को सीधे फोटोग्राफिक प्लेट पर भेजा जाता है . यह दोनों किरणे फोटोग्राफिक प्लेट पर व्यतिकरण के द्वारा एक पैटर्न का निर्माण करती है जिसे होलोग्राम कहा जाता है .

हाल ही में चर्चा में आये 3-डी स्मार्ट फ़ोन ‘ होलोफ्लेक्स ‘ की बात करें या 3-डी होलोग्राफिक चुनावी अभियान या उत्पादों का प्रचार , आज होलोग्राफी तकनीक का विज्ञानं एवं कला की विभिन्न विधाओं के साथ संगम नित नए- नए आविष्कारों को जन्म देकर हर क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दे रहा है .

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