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नन्ही परी

mere vichar
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नन्ही-सी,प्यारी-सी परी है वह,
हम सबकी राजदुलारी है वह.
पैदा हुई तो झूम रहा था सारा परिवार,
मानो उस वक़्त आशीर्वाद दे रहा था उसे
सारा संसार..
कभी न रुकने वाली
खुशियों की बौछार है वह,
नन्ही-सी प्यारी-सी परी है वह,
हम सबकी राजदुलारी है वह.
दादा जब घर आये तो उनके पीछे भागे,
दादी पर प्यार लुटाती है,
हो कोई तकलीफ मन में उनके
तो देख उसे मिट जाती है..
हर समय उपलब्ध रहने वाली
दर्द-निवारक दवा है वह,
नन्ही-सी,प्यारी-सी परी है वह,
हम सबकी राजदुलारी है वह.
पापा के ऑफिस से लौटने का
वह हर पल करती है इंतजार,
सोचती है कब निकलेगी किचेन से
मम्मी और मुझ पर लुटाएंगी
ढ़ेर सारा प्यार..
हमें संयम का पाठ पढ़ाने वाली
एक शिक्षक है वह,
नन्ही-सी,प्यारी-सी परी है वह,
हम सबकी राजदुलारी है वह.
एक चाचा उसको घुमाते हैं,
एक चाचा चिल्लवाते हैं,
एक चाचा दिल्ली में बैठकर
उसे वंही बुलाते हैं..
नाक सिकोड़कर हंसने वाली
सभी के बाल नोचती है वह,
नन्ही-सी,प्यारी-सी परी है वह,
हम सबकी राजदुलारी है वह.
रोती है,चिल्लाती है,हंसती है,
गुनगुनाती भी है वह,
नन्हे-नन्हे हाथों को जोड़कर
‘चाचू नमस्ते’ करती भी है वह..
अब तक तो आपको पता चल
ही गया होगा कि कौन है वह,
हाँ मेरी चुलबुल-सी,मासूम-सी
भतीजी है वह..
नन्ही-सी प्यारी-सी परी है वह,
हम सबकी राजदुलारी है वह.

नन्ही-सी,प्यारी-सी परी है वह,

हम सबकी राजदुलारी है वह.

पैदा हुई तो झूम रहा था सारा परिवार,

मानो उस वक़्त आशीर्वाद दे रहा था उसे

सारा संसार..

कभी न रुकने वाली

खुशियों की बौछार है वह,

नन्ही-सी प्यारी-सी परी है वह,

हम सबकी राजदुलारी है वह.

दादा जब घर आये तो उनके पीछे भागे,

दादी पर प्यार लुटाती है,

हो कोई तकलीफ मन में उनके

तो देख उसे मिट जाती है..

हर समय उपलब्ध रहने वाली

दर्द-निवारक दवा है वह,

नन्ही-सी,प्यारी-सी परी है वह,

हम सबकी राजदुलारी है वह.

पापा के ऑफिस से लौटने का

वह हर पल करती है इंतजार,

सोचती है कब निकलेगी किचेन से

मम्मी और मुझ पर लुटाएंगी

ढ़ेर सारा प्यार..

हमें संयम का पाठ पढ़ाने वाली

एक शिक्षक है वह,

नन्ही-सी,प्यारी-सी परी है वह,

हम सबकी राजदुलारी है वह.

एक चाचा उसको घुमाते हैं,

एक चाचा चिल्लवाते हैं,

एक चाचा दिल्ली में बैठकर

उसे वंही बुलाते हैं..

नाक सिकोड़कर हंसने वाली

सभी के बाल नोचती है वह,

नन्ही-सी,प्यारी-सी परी है वह,

हम सबकी राजदुलारी है वह.

रोती है,चिल्लाती है,हंसती है,

गुनगुनाती भी है वह,

नन्हे-नन्हे हाथों को जोड़कर

‘चाचू नमस्ते’ करती भी है वह..

अब तक तो आपको पता चल

ही गया होगा कि कौन है वह,

हाँ मेरी चुलबुल-सी,मासूम-सी

भतीजी है वह..

नन्ही-सी प्यारी-सी परी है वह,

हम सबकी राजदुलारी है वह.

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