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अलग हैं वो लोग…

ये जहां...
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 नाकाबिलों की बस्ती अलग है। बेगैरतों की दुनिया अलग है। अलग हैं वो लोग, जो हुनर को जानते हैं। अलग हैं वो लोग, जो मलिन बस्तियों को पहचानते हैं। अलग हैं वो लोग, जो ईर्ष्यालु हैं। अलग हैं वो लोग, जो किसी दीन के दयाल हैं। अलग अहंकार है, अलग अभिमान है। अलग हैं वो लोग जो कूटनीति करते हैं, अलग हैं वो लोग जो राजनीति करते हैं। अलग हैं वो लोग जो अहित किया करते हैं, अलग हैं वो लोग जो हित की बात करते हैं। अलग सच्चाई है, अलग वो झूठ है। अलग हैं वो लोग जो फिरकापरस्त हैं, अलग हैं वो लोग जो सीधे और सच्चे हैं। अलग हैं वो लोग जो साज़िशों को जानते हैं, अलग हैं वो लोग जो साज़िशें पहचानते हैं। अलग हैं वो लोग जो सीख दिया करते हैं, अलग हैं वो लोग जो सीख लिया करते हैं। अलग हैं ज़मीनें भी, अलग आसमान भी। अलग हैं वो लोग जो बेदर्द हुआ करते हैं, अलग हैं वो लोग जो दर्द सहा करते हैं। अलग हैं वो लोग जो मां बाप को ठुकराते हैं, अलग हैं वो लोग जो गैरों को अपनाते हैं। अलग हैं वो लोग जो सच से बचा करते हैं, अलग हैं वो लोग जो झूठों से बचा करते हैं। अलग अपनत्व है, अलग घृणत्व है। अलग हैं वो लोग, जो समाज को ठुकराते हैं। अलग हैं वो लोग, जो रंक को अपनाते हैं। अलग हैं वो लोग, जो मोहताज हैं सफलता के, अलग हैं वो लोग जो अपनी राहों को बनाते हैं। अलग हैं वो लोग, जो ज़िंदगी दिया करते हैं। अलग हैं वो लोग जो ज़िंदगी लिया करते हैं। अलग हैं वो लोग, जो रिश्तों को तोड़ा करते हैं। अलग हैं वो लोग जो रिश्तों को जोड़ा करते हैं। अलग हैं वो लोग जो बैर को समझाते हैं, अलग हैं वो लोग जो दुश्मनी निभाते हैं। अलग हैं वो लोग जो चाटुकार बना करते हैं, अलग हैं वो लोग जो ईमान हुआ करते हैं। अलग हैं वो लोग, जो संघर्ष को पहचानते हैं, अलग हैं वो लोग, जो संघर्ष नहीं करते हैं। अलग हैं वो लोग जो संदेश दिया करते हैं। अलग हैं वो लोग जो संदेश बना करते हैं। अलग हैं वो लोग, मर्म को पहचानते हैं। अलग हैं वो लोग, जो कर्म को जानते हैं। अलग हैं वो लोग, जो इंसानियत को जानते हैं। अलग हैं वो लोग, जो सिर्फ हैवानियत पहचानते हैं। अलग दिन है, अलग रात है। अलग हैं वो लोग, जो कुटिलता अपनाते हैं। अलग हैं वो लोग, जो सदाचार को अपनाते हैं। अलग हैं वो लोग, मुगालतों में रहते हैं। अलग हैं वो लोग जो ज़मी पर चला करते हैं। अलग हैं वो लोग जो गरीब को पहचानते हैं। अलग हैं वो लोग, जो गरीबी पर हंसा करते हैं। अलग हैं वो लोग, जो आईना दिखाते हैं। अलग हैं वो लोग, जो आईना बना करते हैं। अलग हैं वो लोग, जो दूर होकर भी पास हुआ करते हैं। अलग हैं वो लोग, जो पास होकर भी दूर होते हैं। अलग सुशासन है, अलग कुशासन है। अलग हैं वो लोग, जो वादों को किया करते हैं। अलग हैं वो लोग, जो वादे पूरा किया करते हैं। अलग वो लोग हैं, जो कांटों पर जिया करते हैं। अलग हैं वो लोग, जिन्हें मखमली पसंद है। अलग हैं वो लोग, जो आवाज़ को उठाते हैं। अलग हैं वो लोग जो आवाज़ को दबाते हैं। अलग विचार है। अलग व्यभिचार है। अलग हैं वो लोग, जो मुफलिसी के मारे हैं। अलग हैं वो लोग, जो रईसज़ादे हैं। अलग हैं वो लोग, जो शहर को बसाते हैं। अलग हैं वो लोग, जो श्मशान को बनाते हैं। अलग हैं वो लोग, जो सिस्टम से हुआ करते हैं। अलग हैं वो लोग जो सिस्टम से लड़ा करते हैं। अलग हैं वो लोग, जो सरकार को बदलते हैं। अलग हैं वो लोग, जो सरकार हुआ करते हैं। अलग है अलविदा, अलग है अल्लाह को विदा।

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