Menu
blogid : 4327 postid : 1375958

मुकुल ने चोला बदला पर नहीं बदली भूमिका

paigam
paigam
  • 9 Posts
  • 3 Comments

वाममोर्चा के 34 वर्षों के शासन का अंत करने का श्रेय भले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जाता है लेकिन इसमें उनके कभी राजनीतिक सिपहसलार रहे मुकुल राय की भी भूमिका भी कम नहीं थी। आज मुकुल ने भगवा चोला ओढ़ लिया है और हाथ में केसरिया थाम लिया है। वेश- भूसा बदलने के बावजूद मुकुल की भूमिका नहीं बदली है। भाजपा में भी वे अपने पुराने किरदार में है। यानी तृणमूल कांग्रेस में जोड़तोड़ से लेकर चुनाव के समय रणनीति तय करने तक वह जो काम करते थे वही काम कुछ दमदार तरीके से यहां भी कर रहे हैं। सबंग उपचुनाव और और पंचायत चुनाव को केंद्र कर मुकुल की दमदार किरदार को देख कर प्रदेश भाजपा नेताओं को अब ईष्र्या तक होने लगी है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने तो मुकुल को नियंत्रण में रखने के लिए कोशिशें भी शुरू कर दी है। घोष ने कहा है कि वह बंगाल भाजपा के नेता है। बंगाल भाजपा को वह चलाते हैं। चुनाव में रणनीति तय करने से लेकर पार्टी को सांगठनिक स्थिति मजबूत करने का काम वह खुद करते हैं। घोष ने मुकुल का नाम नहीं लेते हुए यहां तक कह दिया है कि कोई आर्थिक घोटाला में फंसता है तो भाजपा उसकी जिम्मेदारी नहीं ले सकती। घोष का यह बयान राजनीतिक अर्थ रखता है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि मुकुल सारधा चिटफंड घोटाले से लेकर नारद स्टिंग कांड में फंसे हैं। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व मुकुल की सांगठनिक क्षमता का इस्तेमाल बंगाल के चुनावों में करना चाहता है। लेकिन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष जिस तरह अपनी टीम के साथ डटे हैं उसमें मुकुल केसरिया पर अपनी छाप छोडऩे में सफल होंगे इसमें संदेह है।
मुकुल ने मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के समक्ष भाजपा द्वारा आयोजित सभा में जोरदार भाषण देकर राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है। सबंग उपचुनाव को केंद्र कर मुकुल ने अपने भाषण में राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को धमकी देने के साथ ही सीधे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी निशाने पर लिया। मुकुल का कहना था कि 2011 में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस नेता के रूप में इसी जगह पर माकपा के आतंक को चुनौती दी थी। राज्य में राजनीतिक बदलाव तो हुआ लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था और खराब हो गई। अब भाजपा नेता के रूप में वह तृणमूल कांग्रेस के आतंक को चुनौती दे रहे हैं। सबंग विधानसभा उपचुनाव के दौरान यदि तृणमूल कांग्रेस बाहरी लोगों को इलाके में प्रवेश कराती है तो भाजपा भी इसका करारा जवाब देगी।
मुकुल की बात से साफ है कि तृणमूल कांग्रेस सरकार और प्रशासन के सहयोग से चुनाव में धांधली करती है। यह बात दूसरी है कि मुकुल भी कभी इसका हिस्सा हुआ करते थे और आज वह अपनी इस क्षमता को भाजपा के लिए इस्तेमाल करेंगे। अब देखना है कि भगवा चोला में मुकुल भाजपा के केसरिया रंगमंच पर अपनी पुरानी भूमिका से छाप छोडऩे में कितना सफल होते हैं।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh