meri aawaz suno
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साथ हो कर भी न होगा ,अजनबी हो जाएगा
वो हमारी ज़िन्दगी में इस तरह रह जाएगा
साथ है तू तो अभी भी,ज़िन्दगी सूनी सी है
क्या पता था ये जुनूँ भी, वक़्त में बह जाएगा
पा लिया तुझको तो जैसे जन्नतें मिल जाएँगी
ये गुमाँ भी टूट कर के चूर सा रह जाएगा
दूरियां तो बढ़ गयी हैं ,ये हमें एहसास था
तू मगर आकर के हमसे,खुद-ब-खुद कह जाएगा
थी मुकम्मल जो मुहब्बत,नींद का निकली भरम
मिल गयी ताबीर जिसकी,ख्वाब सा रह जाएगा
…………….आरती……………………………
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